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नौकरी का लालच दे ठगी करने वाला फर्जी रेंजर धराया

चाईबासा : मंगलाहाट से गिरफ्तार चाईबासा : युवाओं को वन विभाग में नौकरी दिलाने तथा ग्रामीणों को खतियान का नकल निकालकर देने के नाम पर ठगी करने वाला एक फर्जी रेंजर सोमवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया. उसे सदर थाना पुलिस ने गुप्त सूचना पर चाईबासा मंगलाहाट गुदड़ी स्थित एक हंड़िया गोदाम से गिरफ्तार […]

चाईबासा : मंगलाहाट से गिरफ्तार

चाईबासा : युवाओं को वन विभाग में नौकरी दिलाने तथा ग्रामीणों को खतियान का नकल निकालकर देने के नाम पर ठगी करने वाला एक फर्जी रेंजर सोमवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया. उसे सदर थाना पुलिस ने गुप्त सूचना पर चाईबासा मंगलाहाट गुदड़ी स्थित एक हंड़िया गोदाम से गिरफ्तार किया.
ठग ने पूछताछ में अपनी पहचान आदित्यपुर थाना क्षेत्र के छोटा गम्हरिया निवासी दीपेश प्रधान के रूप में बतायी है. उस पर कुमारडुंगी, जगन्नाथपुर व मुफ्फसिल थाना क्षेत्र समेत आस-पास के क्षेत्रों के बेरोजगार युवकों से वन विभाग में विभिन्न पदों पर सरकारी नौकरी दिलाने और ग्रामीणों से खतियान का नकल निकलवाने के नाम पर लाखों की ठगी का आरोप है.
इतना ही नहीं, वह मंगलाहाट में लकड़ी बेचने वालों से अवैध उगाही भी करता था. धौंस जमाने के लिए वह अपने आपको सारंडा का वन पदाधिकारी बताता था. उसके पास एक तीन स्टार की वर्दी पहनी हुई उसकी फोटो मिली है जिसे दिखाकर वह लोगों को विश्वास में लेता था. पुलिस फर्जी रेंजर की छानबीन में जुट गयी है. आरोपों के मुताबिक दीपेश ने कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के लक्मीपोसी निवासी गणपति कुम्हार से 55 हजार रुपये, जयभगुवान नायक से 55 हजार रुपये व खड़बंध निवासी जगदीश पिंगुवा से
15 हजार रुपये की ठगी की है. ठग ने गणपति को वन विभाग में एकाउंटेंट पद का, जबकि जयभगुवान नायक को रेंजर पद और जगदीश पिंगुवा को फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी का लालच दिया था. इसके अलावा ठग ने कुमारडुंगी के बालीबांध निवासी कालीचरण कोंडाकेल से 20 हजार, लंका बारी से 27 हजार रुपये की ठगी की है. मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के बारीजोल गांव निवासी सोमनाथ कुंटिया व जगन्नाथपुर के वसिरा निवासी रोशन कुमार समेत अन्य लोगों को भी नौकरी दिलाने के नाम पर उसने हजारों रुपये का चूना लगाया है. वहीं, उसने कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के लोआरी गांव निवासी चेमलो पिंगुवा, विष्णु पिंगुवा व जगदीश पिंगुवा से कोर्ट से जमीन के खतियान का नकल निकलवाकर देने के नाम पर 19500 रुपये की ठगी की है.
खुद को सारंडा का वन पदाधिकारी बताता और वर्दी वाली फोटो दिखाता था
पकड़े जाने पर खुद को छोटा गम्हरिया (आदित्यपुर) निवासी दीपेश प्रधान बताया
लकड़ी बेचने वालों से भी धौंस जमाकर करता था उगाही
खतियान का नकल निकलवाने के लिए पैसे लेने पहुंचा था, गुप्त सूचना पर धराया
रांची जाने के नाम पर अलग से पैसे मांगे, शक होने पर पकड़ाया
सोमवार को दीपेश प्रधान चाईबासा आया था. उसने खतियान का नकल निकालने के नाम पर विष्णु पिंगुवा, चेमलो पिंगुवा व जगदीश पिंगुवा को चाईबासा बुलाया था. वे लोग चाईबासा के मंगलाहाट पहुंचे. ठग ने रांची जाने के नाम पर अलग से पैसे की मांग की. इस पर उक्त तीनों को संदेह हो गया. उन्होंने 100 नंबर डायल कर पुलिस को मंगलाहाट स्थित गुदड़ी बुलाया. उस समय ठग एक हंड़िया गोदाम में बैठा था. भुक्तभोगियों की निशानदेही पर उसे पकड़ लिया गया.
नौकरी के लालच में रिश्तेदारों से मांगकर दिए रुपये
गणपति कुम्हार ने बताया कि उसने नौकरी के लालच में रिश्तेदारों से उधार मांग कर रुपये दिये. वहीं जगदीश पिंगुवा ने बताया कि फॉरेस्ट गार्ड बनने के लालच में उसने जमीन बेचकर 15 हजार रुपये दिये हैं. इसी तरह विष्णु पिंगुवा, जगदीश पिंगुवा और चेमलो पिंगुवा ने बताया कि उन लोगों ने खतियान का नकल निकालने के लिए 19,500 रुपये दिये हैं.
एक ‘शिकार’ ने ही दूसरों का दिया पता
भुक्तभोगी छात्र जय भगुवान नायक ने बताया कि जनवरी 2018 में कुमारडुंगी के बालीबांध निवासी कालीचरण कोंडाकल ने ठग को नौकरी के नाम पर 20 हजार रुपये दिये थे. कालीचरण कुमारडुंगी में एक जेरॉक्स दुकान में काम करता था. इसके बाद कालीचरण ने जय भगुवान नायक, गणपति कुम्हार और जगदीश पिंगुवा को यह बात बतायी.
दीपेश ने उन लोगों से खुद संपर्क किया और वन विभाग में विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने का लालच दिया. जयभगुवान ने 55 हजार, गणपति ने 55 हजार और जगदीश ने 15 हजार रुपये लालच में आकर उसे दे दिये. जय भगुवान नायक ने ग्रिल दुकान में काम कर पैसे जमा किए थे. इसी तरह दूसरे भुक्तभोगियों ने बड़ी कठिनाई से पैसे जुटाये थे.

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