चाईबासा : राम नाम में लीन है देखत सब में राम, ताके पद वंदन करुं जय जय जलाराम… भजन के साथ संत शिरोमणि भक्त श्री जलाराम बापा की 218वीं जयंती चाईबासा गुजराती समाज द्वारा श्रद्धापूर्वक मनायी गयी. चाईबासा के गुजराती समाज की ओर से सुबह 9 बजे जलाराम बापा की झांकी के साथ शोभा यात्रा निकाली गयी.
शोभा यात्रा बाबा मंदिर से निकलकर काली मंदिर होते हुए जैन मार्केट चौक होते हुए रुंगटा मैरिज हाउस पहुंच कर समाप्त हुई. शोभा यात्रा में करीब 25 बच्चियों के साथ 40 अधिक महिलाएं सिर पर कलश लेकर चल रही थीं. सभी पारंपरिक वेश-भूषा में थे. समाज के सभी गणमान्य लोग व महिलाएं बापा के जयकारे लगा रहे थे. महिलाओं द्वारा भजन कीर्तन किया जा रहा था. शोभा यात्रा के रुंगटा मैरेज हाउस पहुंचने के बाद बापा की भक्तिभाव से पूजा की गयी. इसमें करीब समाज के 400 लोगों ने हिस्सा लिया. पूजा बाद महाप्रसाद का वितरण किया गया. शाम करीब 5 बजे आरती कर पूजा का समापन किया गया.
31 सालों से हो रही है बापा की पूजा : समाज के घनश्याम दरवारा ने कहा कि चाईबासा में जलाराम बापा की जयंती 31 वर्षों से मनायी जा रही है. कहा कि जलाराम बापा का जन्म सन 1799 में गुजरात के राजकोट जिले के वीरपुर गांव में हुआ था. बापा की मां एक धार्मिक महिला थी, जो साधु-संतों की सेवा करती थीं. उनकी सेवा से प्रसन्न होकर संत रघुवीर दासजी ने आशीर्वाद दिया कि उनका दूसरा पुत्र जलाराम ईश्वर तथा साधु-भक्ति और सेवा की मिसाल बनेगा. बीस वर्ष के होने तक सरलता व भगवतप्रेम की ख्याति चारों तरफ फैल गयी. लोगों ने तरह-तरह से उनके धीरज या धैर्य, प्रेम प्रभु के प्रति अनन्य भक्ति की परीक्षा ली. जिन पर वे खरे उतरें.
बापा के आशीर्वाद से दिखे कई चमत्कार : लोगों का मानना है कि संत जलाराम बापा के प्रति जैसे-जैसे आस्था बढ़ती गयी, वैसे-वैसे उनके कई चमत्कार देखे गये. इनमें से प्रमुख बच्चों की बीमारी ठीक होना तथा निर्धनता से लोगों ने सक्षमता की ओर अग्रसर होना शामिल हैं. मौके पर उद्योगपति मुकुंद रूंगटा, राजकुमार साह, श्याम भाई, प्रभात प्रसारी, अधिवक्ता निरंजन साव, अशोक गुप्ता, भरत राठौर, घनश्याम दरबारा, रमेश दातानी, विजय परमार, मुकेश राठौर एवं सुरेश पटेल समेत अन्य लोगों उपस्थित थे.