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चयन की आजादी : साइंस के छात्र पढ़ सकेंगे इतिहास, आर्ट्स के कंप्यूटर

चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय में नये सत्र से विद्यार्थियों को गोल्डन करियर बनाने के लिए किसी संकाय के विषय चुनने की आजादी मिलेगी. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू कर दिया है. इससे विद्यार्थियों को अपने विषय के साथ ही दूसरे संकायों के विषय चुनने का भी मौक मिलेगा. इसके […]

चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय में नये सत्र से विद्यार्थियों को गोल्डन करियर बनाने के लिए किसी संकाय के विषय चुनने की आजादी मिलेगी. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू कर दिया है. इससे विद्यार्थियों को अपने विषय के साथ ही दूसरे संकायों के विषय चुनने का भी मौक मिलेगा.

इसके अलावा इससे विद्यार्थी देश के किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में ग्रेड और क्रेडिट के आधार पर प्रवेश ले सकेंगे. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आ रहे बदलाव को देखते हुए विवि ने इसी सत्र से च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू कर दिया है. इसमें विद्यार्थियों को किसी भी संकाय के विषय चुनने की पूरी आजादी होगी. इसी तरह ग्रेडिंग सिस्टम भी लागू करने की तैयारी है. इसके तहत छात्रों को अंक की बजाय ग्रेड और क्रेडिट दिये जायेंगे. इस सिस्टम में छात्र को अपनी मनपसंद के विषय चुनने का मौका मिलेगा.

वा मैथ्स, फिजिक्स, केमेस्ट्री के साथ ज्योग्राफी, हिस्ट्री या अन्य कोई विषय का चुनाव कर सकेगा. इसे स्टूडेंट फ्रेंडली माना जाता है. इसमें कई विषय और 64 से 70 क्रेडिट नंबर होते हैं. मालूम हो कि ग्रेडिंग सिस्टम में भारत के आलावा विद्यार्थी विदेशों में भी आसानी से अपना नामांकन करा सकता है.

केयू : सीबीसीएस लागू, छात्रों को दूसरे संकाय के विषय चुनने की मिली आजादी
भारत के अलावा विदेशी विवि में नामांकन में भी हो जायेगी आसानी
यूजीसी के आदेश का असर, राज्य का दूसरा विवि बना केयू
यूजीसी ने दो माह पूर्व देश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) अनिवार्य रूप से लागू करने को कहा था. कोल्हान विवि राज्य का दूसरा विवि है, जिसने यूजीसी के आदेश का तत्काल पालन करते हुए यग व्यवस्था अपनाया है. राज्य में सबसे पहले विनोबा भावे विवि में सीबीसीएस लागू हुआ है. इसके अंतर्गत छात्र को ज्यादा ग्रेड प्वाइंट हासिल करने होते हैं. यूजीसी बदलते वक्त के लिहाज से सीबीसीएस को बेहद जरूरी मान रहा है. वर्तमान में छात्र के पास बेहद सीमित विकल्प होते हैं. यही वजह है कि यूजीसी ने इसे महत्वपूर्ण बताया है.
करियर के लिए बेहतर विकल्प
वर्तमान में विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों से बीए, बीकॉम या बीएससी जैसे परंपरागत पाठ्यक्रम करने के बाद नौकरी के बहुत कम मौके मिलते हैं. आइटी कंपनियों को ऐसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर चाहिएं, जिन्हें कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के साथ साइकोलॉजी की भी समझ हो. ऐसे में छात्रों के लिए किसी खास क्षेत्र की जरूरत के अनुसार विषय का चुनाव काफी फायदेमंद होगा. यह सब सीबीसीएस से ही संभव हो पायेगा.

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