सिमडेगा. जिला कृषि कार्यालय में जिला स्तरीय खरीफ कार्यशाला का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त कंचन सिंह व विशिष्ट अतिथि के रूप में उपविकास आयुक्त दीपांकर चौधरी, जिप अध्यक्ष रोस प्रतिमा सोरेंग, जिप सदस्य शांति बाला केरकेट्टा, जिला मत्स्य पदाधिकारी सीमा टोप्पो, सदर बीडीओ समीर रनियर खलखो उपस्थित थे. जिला कृषि पदाधिकारी श्रीमती माधुरी टोप्पो ने सभी अतिथियों को पौधे भेंट कर स्वागत किया. स्वागत भाषण में उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य व केंद्र सरकार ने किसानों के कल्याण और कृषि के समग्र विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित कर रही हैं. जिले व प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित कर इन योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचानी होगी, ताकि अधिक संख्या में किसान लाभान्वित हो सकें. उन्होंने मिलेट मिशन योजना की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने सरकार की टपक सिंचाई योजना के बारे में भी बताया. उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य किसानों को खरीफ मौसम में बेहतर उत्पादन हेतु वैज्ञानिक तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करना है. उन्होंने खरीफ फसलों की बुआई, उनकी देख-रेख तथा रोगों की पहचान और बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा की. उपायुक्त ने किसानों को बताया कि आज के समय में मोबाइल एप्लीकेशन और इंटरनेट के माध्यम से पौधों में लगने वाली बीमारियों की जानकारी आसानी से मिल सकती है. पौधों को मोबाइल से स्कैन करने पर बीमारी और उसके बचाव के लिए आवश्यक दवाओं की जानकारी उपलब्ध होती है. उन्होंने कहा कि जिले में बड़े पैमाने पर कृषि कार्य को बढ़ावा देने की जरूरत है. उपायुक्त ने कहा कि पारंपरिक खेती किसानों की ताकत है. लेकिन इसके साथ वैज्ञानिक पद्धति अपना कर उत्पादन और आय को और बढ़ाया जा सकता है. साथ ही किसानों को वन उत्पादों के संग्रहण और प्रोसेसिंग से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए बाजार की व्यवस्था करने पर जोर दिया. उपविकास आयुक्त ने कहा कि सिमडेगा जिले के लिए कृषि ही जीवन रेखा है. क्योंकि यहां किसी प्रकार की इंडस्ट्री, मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग या सर्विस सेक्टर नहीं है. उन्होंने पदाधिकारियों को बड़े कृषि फार्म को बढ़ावा देने व किसानों को नयी तकनीकों से खेती के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया. किसानों में अधिक उत्पादन की क्षमता है, जिसे तकनीकी जानकारी और पूंजी उपलब्ध करा कर बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने एपीओ गठित करने, किसानों को प्रशिक्षण देने और उन्हें आधुनिक तकनीक से जोड़ कर कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन सुनिश्चित करने पर बल दिया. जिप अध्यक्ष ने जिले के किसानों को सही समय में खेती की रोपाई- बुआई करने की जानकारी देने की बात कही. मौके पर सभी एटीएम, बीटीएम समेत किसान उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

