सिमडेगा. प्रिंस चौक स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में अखिल भारतीय चित्रगुप्त महापरिवार द्वारा भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित कर श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना की गयी. मौके पर श्रद्धालुओं ने कलम-दवात की पूजा की. पूजा व आरती के पश्चात प्रसाद का वितरण किया गया. पूजा में आचार्य की भूमिका पंडित श्यामसुंदर मिश्र ने निभायी. वहीं प्रेम श्रीवास्तव, अरुण कुमार सिन्हा ने यजमान की भूमिका निभायी . आचार्य पंडित श्यामसुंदर मिश्र ने भगवान चित्रगुप्त कि कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान चित्रगुप्त सभी प्राणियों के अच्छे-बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. उनकी लेखनी के आधार पर ही लोगों के स्वर्ग और नर्क निर्णय होता है. भगवान चित्रगुप्त को देवलोक धर्म अधिकारी भी कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन से जो 14 रत्न प्राप्त हुए थे. उसमें चित्रगुप्त की उत्पति माता लक्ष्मी के साथ हुई थी. हिन्दू धर्म में भगवान चित्रगुप्त का विशेष महत्व है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान चित्रगुप्त को ब्रह्मा का संतान माना गया है. ब्रह्माजी ने अपने शरीर से चित्रगुप्त का निर्माण किया था. लोगों का मानना है कि मनुष्य जीवन के गतिविधियों पर भगवान चित्रगुप्त नजर रखते हैं और अंत में मृत्यु के पश्चात् वह जन्म से लेकर मृत्यु तक के मनुष्यों के कर्मो के आधार पर उसे पुरस्कार या दंड दिलाते हैं. उन्होंने राजा सौदास की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान चित्रगुप्त की कृपा से राजा सौदास को स्वर्ग की प्राप्ति हुई. उन्होंने बताया कि भीष्म पितामह को भी भगवान चित्रगुप्त से इच्छा मृत्यु का वरदान मिला था. संध्या में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अखिल भारतीय चित्रगुप्त महापरिवार की ओर से आयोजित इस पूजा कार्यक्रम को सफल बनाने में सरंक्षक अजय अखौरी, अनुप श्रीवास्तव,अध्यक्ष मोहन सक्सेना, अजयेंद्र किशोर प्रसाद, कार्यकारी अध्यक्ष अरुण कुमार सिन्हा, विजय बक्सी, नरेन्द्र श्रीवास्तव, अनुज बक्सी, सुरजीत कुमार दत्ता, रवि बख्शी, राजीव रंजन वर्मा, सचिव प्रेम कुमार श्रीवास्तव, महेश श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष अरबिंद श्रीवास्तव,मनोज सिन्हा,अमित श्रीवास्तव, रोहित प्रसाद के अलावा अन्य लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

