सिमडेगा. जनजातीय विकास एवं परिवर्तन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से समाहरणालय सभागार में आदि कर्मयोगी अभियान कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन उपायुक्त कंचन सिंह, पुलिस अधीक्षक एम अर्शी व उपविकास आयुक्त दीपांकर चौधरी ने संयुक्त रूप से किया. अभियान जनजातीय कार्य मंत्रालय के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में संचालित हो रहा है, जिसका उद्देश्य जिला, ब्लॉक और गांव स्तर पर विकेंद्रीकृत आदिवासी नेतृत्व और शासन पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है. यह अभियान क्षमता निर्माण, अभिसरण और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से यह पहल देशभर के आदिवासी बहुल जिलों के एक लाख गांवों में 20 लाख आदिवासी परिवर्तन कर्ताओं को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखता है. उपायुक्त ने कहा कि आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए यह अभियान काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में विकास की गति को बढ़ाना और शासन को अधिक प्रभावी बनाना है. उन्होंने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वह जिले के गांवों का विकास मॉडल तैयार कर ईमानदारी और निष्ठा के साथ कार्य करें. उन्होंने कहा कि जब तक सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक जनकल्याणकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन नहीं होगा, तब तक अभियान की सफलता अधूरी रहेगी. इसके लिए जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण आयोजित किया जायेगा, जो आगे प्रखंड स्तर पर ट्रेनरों को प्रशिक्षित करेंगे. यह प्रशिक्षक जनजातीय समुदायों को उनके अधिकारों, संसाधनों और विकास योजनाओं के प्रति जागरूक कर उन्हें सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभायेंगे. उपायुक्त ने कहा कि अभियान के माध्यम से सरकारी कर्मियों की कार्य संस्कृति में सुधार, उत्तरदायित्व में वृद्धि तथा नागरिकों को त्वरित व गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. उन्होंने अधिकारियों को योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन व कार्यों की समयबद्ध मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. उपायुक्त ने अभियान को सफल बनाने के लिए शपथ भी दिलायी. मौके पर परियोजना निदेशक आइटीडीए सरोज तिर्की, अपर समाहर्ता श्री ज्ञानेंद्र, सिविल सर्जन, जिला स्तरीय पदाधिकारी व बीडीओ उपस्थित थे.
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