सिमडेगा. जिला परिषद बोर्ड की बैठक गुरुवार को जिप अध्यक्ष रोज प्रतिमा सोरेंग की अध्यक्षता में शुरू हुई, लेकिन सदस्यों ने बीच में ही बैठक का बहिष्कार कर दिया. उनका आरोप था कि यह बैठक केवल औपचारिकता बन कर रह गयी है और इसमें कोई ठोस चर्चा संभव नहीं है. बैठक में विभागों द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन वितरित किये गये, लेकिन अधिकांश विभागों की ओर से प्रतिवेदन अप्राप्त बताया गया था. यह देख कर बोर्ड के सदस्य आक्रोशित हो उठे और बैठक छोड़ कर बाहर निकल गये. सदस्यों का कहना था कि जब विभागों की रिपोर्ट ही नहीं दी गयी, तो यह पता लगाना असंभव है कि योजनाओं पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है. ऐसे में बैठक में शामिल रहना निरर्थक है. उल्लेखनीय है कि केवल ग्रामीण कार्य विभाग ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था. जबकि भूमि संरक्षण, विद्युत प्रमंडल, पेयजल एवं स्वच्छता, लघु सिंचाई, ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, वन प्रमंडल (सामान्य व सामाजिक वानिकी), तथा जिला परिवहन विभाग जैसे प्रमुख विभागों ने कोई भी रिपोर्ट नहीं दी.
सदस्यों को संयम बरतना चाहिए था : अध्यक्ष
जिप अध्यक्ष रोज प्रतिमा सोरेंग ने कहा कि सदस्यों को संयम बरतना चाहिए. उन्होंने स्वीकार किया कि प्रतिवेदन संकलन में कार्यालय से गलती हुई है, लेकिन इसे बड़ा मुद्दा नहीं बनाना चाहिए था. थोड़े समय में प्रतिवेदन उपलब्ध कराये जा सकते थे, लेकिन सदस्यों ने जल्दबाजी की.
प्रतिवेदन की व्यवस्था की जा रही थी: डीडीसी
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह उपविकास आयुक्त संदीप कुमार दोराईबुरु ने भी सफाई दी कि प्रतिवेदन की व्यवस्था की जा रही थी. उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति नहीं दोहरायी जायेगी और व्यवस्था दुरुस्त की जायेगी.
हर बार होती है खानापूर्ति : उपाध्यक्ष
जिप उपाध्यक्ष सोनी कुमारी पैकरा ने विभागीय पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हर बैठक में वे बिना प्रतिवेदन के आते हैं और औपचारिकता निभा कर चले जाते हैं. उन्होंने कहा कि योजनाओं पर क्या काम हुआ, यह जानकारी तक नहीं दी जाती है. उन्होंने चेतावनी दी कि अब अधिकारियों की मनमानी नहीं चलेगी.
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