तीन दिनों तक स्थानीय एवं बाहरी कलाकारों ने एक से बढ़ कर एक मसीही गीत व नृत्य प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया. स्टेडियम परिसर में मेले का भी आयोजन किया गया. विभिन्न प्रकार की दुकानें लगायी गयी थी. व्यंजनों के स्टॉल भी लगाये गये थे. कार्यक्रम के अंतिम दिन सालेम ग्रुप रांची द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम में अतिथि के रूप में डीआरडीए के डायरेक्टर पूर्णचंद्र कुंकल, एनडीसी बंधन लौंग, बीडीओ शशिंद्र कुमार बड़ाइक व सीओ विनय प्रकाश तिग्गा उपस्थित थे. सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत मसीही गीत से की गयी. सालेम ग्रुप के भूषण मुंडू ने बैतुलम गोहार घरे सोने कमल फूले मसीही गीत प्रस्तुुत किया.
उन्होंने मरियम कर कोरा का तारा टिमटिम चमकेला , तारा ना लागे प्रभु यीशु चमके ला गीत प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को झूमने पर विवश कर दिया. मनोज शहरी ने चल तो गुइया रे अंबा बगीचा, ए हमर पूनम रे जुदा ना होबे गीत प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों का खूब मनोरंजन किया. इसके अलावा अन्य गायकों ने एक से बढ़ कर एक गीत प्रस्तुत किया. संचालन सत्यव्रत ठाकुर व प्रवीण तिवारी ने संयुक्त रूप से किया.
कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्व नियल तिर्की, ओनिल तिर्की, गाब्रियल लकड़ा, दीप्तिमान तिर्की, पतरस एक्का, विशाल तिर्की, रोशन कुल्लू, चार्लेस लकड़ा, कंचन कबीर व राजू कुमार आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.