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Seraikela Kharsawan News : विस्थापित गांवों में घुसा पानी, कई घर ध्वस्त

प्रभावित परिवाराें को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया

चांडिल/चौका. लगातार तीन दिन हुई बारिश से चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ गया है. शुक्रवार को चांडिल डैम का जलस्तर 182.10 पर था. डैम के 11 रेडियल गेट तीन-तीन मीटर व एक गेट को डेढ़ मीटर खोला गया है. इससे ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के ईचागढ़, बाबू चामदा, काली चामदा आदि विस्थापित गावों में पानी भर गया है.शुक्रवार को प्रशासन ने राहत कार्य चलाया. बाबूचमादा, कालीचामदा गांव में फंसे लोगों को सुरक्षित निकला गया. लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान बांदू पंचायत भवन में रखा गया है. बीडीओ एकता वर्मा ने बताया कि ईचागढ़ गांव में कुछ दुकानों में पानी घुसा था. उनलोगों को सुरक्षित स्थान में पहुंचाया गया है. बाबूचामदा और कालीचामदा में फंसे लोगों को निकला गया है.

बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त:

ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र में लगातार तीन दिन हुई भारी बारिश से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. हालांकि शुक्रवार को बारिश छूटने से लोगों ने राहत की सांस ली. वहीं कच्चे घर भारी बारिश से गिर गया. मैंसाड़ा गांव में संजय गोप, पवन गोप, हाड़ात गांव में सुखराम महतो, डुमरा गांव में बाबूसिंह मुंडा का घर बारिश से गिर गया है. घर गिरने से परिजन पड़ोसी के घरों में रह रहे हैं. वहीं पीडितों ने आपदा प्रबंधन से मुआवजा का मांग की है.

लगातार बारिश से खेतों में लबालब पानी, सब्जियों को नुकसान

सरायकेला-खरसावां जिला में मंगलवार से हो रही लगातार बारिश से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था, वहीं शुक्रवार को लोगों ने राहत की सांस ली. हालांकि आसमान में बादल छाये रहे, लेकिन दिनभर बारिश नहीं हुई, जिससे आमजन को थोड़ी राहत मिली.

17 घंटे बाद खुला खप्परसाही पुल, जलस्तर अब भी सामान्य से ऊपर:

बारिश के कारण कई नदियों और नालों में उफान आ गया था. गुरुवार को सरायकेला से खरसावां को जोड़ने वाला खप्परसाही के पास संजय नदी का पुल डूब गया था, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया था. लगभग 17 घंटे बाद पानी कम हुआ और शुक्रवार सुबह पुल से आवागमन बहाल हो सका. हालांकि, शुक्रवार को भी पुल के ऊपर से जल स्तर महज तीन फीट नीचे था.

खेतों में भरा पानी, धान के बीज सड़ने का खतरा:

लगातार बारिश के चलते खेतों में पानी भर गया है, जिससे धान के छींटे गए बीजों के सड़ने का खतरा बढ़ गया है. सरायकेला-खरसावां के अधिकतर किसान रजो संक्रांति के आसपास छींटा विधि से धान की बुआई करते हैं. अब खेतों में पानी भराव के कारण बीज अंकुरित होने से पहले ही खराब हो सकते हैं.

सब्जियों की खेती पर पड़ा प्रतिकूल असर, दामों में बढ़ोतरी:

लगातार बारिश से सब्जी की खेती को भी भारी नुकसान पहुंचा है. खेतों में पानी भरने से टमाटर, बैंगन, करेला, झींगा, बोदी और लौकी जैसी सब्जियों के पौधे मरने लगे हैं या पीले पड़ने लगे हैं. इसका सीधा असर बाजार में सब्जियों की आपूर्ति पर पड़ा है, जिससे दामों में तेजी देखी जा रही है.उकरी-खरसावां मार्ग भी हुआ था बाधित, जलस्तर घटने पर खुलागुरुवार को सीनी मोड़ से उकरी मोड़ होते हुए खरसावां के आकर्षणी मंदिर जाने वाला मार्ग भी बाधित हो गया था. सोना नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण मार्ग पर आवाजाही रुक गयी थी.

आम के फलों पर कीड़ों का खतरा बढ़ा:

बारिश का असर आम के फलों पर भी पड़ने लगा है. पेड़ों पर पकने की स्थिति में पहुंचे आम अब बारिश के कारण अधिक नमी ग्रहण कर रहे हैं, जिससे उनमें कीड़ों के लगने की आशंका बढ़ गयी है. इससे आम की गुणवत्ता और बाजार मूल्य दोनों प्रभावित हो सकते हैं.

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