सरायकेला.
दिशोम गुरु के निधन पर काशी साहू महाविद्यालय में बुधवार को शोकसभा का आयोजन किया गया. शोकसभा में प्रभारी प्राचार्य डॉ कृष्णा प्यारे ने दिशोम गुरु के जीवन और अलग राज्य आंदोलन में उनके योगदान को याद किया. कहा कि दिशोम गुरु ने आदिवासी समुदाय के अधिकारों और झारखंड राज्य गठन के लिए आजीवन संघर्ष किया. उनके नेतृत्व में झारखंड की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हुई और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में उनकी भूमिका अविस्मरणीय है. प्राचार्य ने उनके सादगीपूर्ण जीवन और जनसेवा के प्रति समर्पण को प्रेरणादायक बताया. लोगों ने उनके बताये मार्ग पर चलने व राज्य के विकास में योगदान देने का संकल्प लिया. शोक सभा में महाविद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

