राजनगर. राजनगर में प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथयात्रा का शुभारंभ शुक्रवार को श्रद्धा और उल्लास के वातावरण में हुआ. श्रीमंदिर से निकली भव्य रथयात्रा ने पूरे क्षेत्र को भक्तिरस में सराबोर कर दिया. शनिवार को भगवान मौसीबाड़ी (गुंडिचा मंदिर) पहुंचेंगे. इस बार की रथयात्रा की शुरुआत राजनगर प्रखंड के हेंसल, महेशकुदर, श्यामसुन्दरपुर और टींटीडीह स्थित श्रीमंदिरों से हुई. हर वर्ष की तरह इस बार भी रथयात्रा ने जनमानस को एकत्र कर लिया. जैसे ही भगवान फूलों से सजे रथ पर आरूढ़ हुए, श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. दर्शन के लिए भक्त आतुर दिखे और रथ के आगे कीर्तन करते हुए भक्तिभाव से झूमते रहे.
रथयात्रा के मार्ग में हुआ भव्य स्वागत
रथयात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर भक्तों ने पूजा-अर्चना और भोग अर्पित कर भगवान का स्वागत किया। रथ खींचने की होड़ में बुजुर्ग, युवा और महिलाएं भी पीछे नहीं रहे. पूरा वातावरण “जय जगन्नाथ” के गगनभेदी जयघोष से गुंजायमान हो उठा.क्या कहते हैं श्रद्धालु
भगवान जगन्नाथ के दर्शन से जीवन धन्य हो गया. रथयात्रा में भाग लेना सौभाग्य की बात है, हम हर साल इसका इंतजार करते हैं.
-लालटु गोप
पहली बार रथ खींचने का अवसर मिला. यह अनुभव असीम शांति और ऊर्जा देने वाला था, ऐसा लगा जैसे भगवान स्वयं मिलने आए हों.-विनोद ज्योतिषी
रथ के आगे कीर्तन करते हुए चलना मेरे जीवन का सबसे पवित्र अनुभव था. ऐसा माहौल कहीं और नहीं मिलता. पूरा गांव भक्तिरस में डूब गया.-सुमित राणा
बच्चों के साथ रथयात्रा में शामिल होना बेहद सुखद अनुभव रहा. यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था और एकता का प्रतीक है.– जयदेव कामिलाB
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