सरायकेला. सरायकेला-खरसावां जिले में बढ़ती ठंड को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ. सरयू प्रसाद सिंह ने लोगों से सतर्क और सावधान रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि बीमारी से ग्रसित लोगों के साथ स्वस्थ नागरिकों को भी खुद को बीमार होने से बचाने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए. सिविल सर्जन ने बताया कि ठंड के मौसम में खाली बदन सोने की आदत खतरनाक साबित हो सकती है. कंबल ओढ़कर सोने वाले लोग जब रात में अचानक ठंडे वातावरण में उठते हैं तो शरीर तापमान में तेज बदलाव के कारण रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा रहता है. उन्होंने लोगों को पूरे शरीर को गर्म कपड़ों से ढक कर रखने की सलाह दी.
ठंड में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा:
डॉ. सिंह के अनुसार, इस मौसम में शरीर की नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिससे रक्त प्रवाह का दबाव बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट का जोखिम भी बढ़ जाता है. इसलिए लोगों को ऊनी वस्त्रों का प्रयोग कर शरीर को गर्म बनाए रखना चाहिए.सर्दी-खांसी के मरीजों में बढ़ोतरी
ठंड बढ़ने के साथ सदर अस्पताल सरायकेला में मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. अस्पताल के ओपीडी आंकड़ों के अनुसार 1 से 20 दिसंबर तक कुल 1630 मरीजों ने उपचार कराया, जिनमें से 268 मरीज सर्दी-खांसी और अन्य मौसमी बीमारियों से ग्रसित पाए गए. वहीं, शिशु ओपीडी में रोजाना 10 से 12 बच्चे सर्दी-खांसी की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं.अस्पताल में उपलब्ध हैं सभी सुविधाएं:
सिविल सर्जन ने बताया कि ठंड से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार सदर अस्पताल में सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायी गयी है. मरीजों के लिए पर्याप्त कंबल और जरूरी दवा हैं.– सर्दी के मौसम में शरीर का ख्याल रखना बहुत आवश्यक है. शरीर को गर्म रखने के लिए हमेशा गर्म कपड़े पहने और ताजा और गर्म भोजन करें. किसी प्रकार की असुविधा होने पर नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लें. –
डॉ सरयू प्रसाद सिंह
, सिविल सर्जन, सदर अस्पताल सरायकेलाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

