सरायकेला : जन जातीय समुदाय का पारंपरिक पर्व सेंदरा (विशु शिकार) आठ मई को मनाया जायेगा. इसके तहत जन जातीय समुदाय के लोग जंगलों में वन्य प्राणियों का शिकार कर अपने घरों में लाते हैं. इधर, वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर सेंदरा (शिकार) रोकने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है.
इसे लेकर गुरुवार को वन प्रमंडल पदाधिकारी ए एक्का की अध्यक्षता में बैठक कर सेंदरा को रोकने के लिए आवश्यक रणनीति बनायी गयी. तय किया गया कि दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण में वन्य प्राणियों का सेंदरा रोकने के लिए विभिन्न मार्गों पर विभाग द्वारा 11 चेकनाका लगाया जायेगा. इन चेकनाकाअों के लिए वन पदाधिकारियों के साथ कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है. जो सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक चेकनाका पर तैनात रहेंगे. प्रतिनियुक्त सभी पदाधिकारियाें व कर्मचारियों को छह मई को मानगो कार्यालय में बुलाया गया है.
चेकनाका पर इन पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्त : वन क्षेत्र पदाधिकारी गोरख राम, देवाशीष प्रसाद, सुनील कुमार वर्मा, एसके अधिकारी, मणिकांत चौधरी, संजय कुमार, अशोक कुमार दुबे, छोटूलाल उरांव, सुरेश प्रसाद, सीएन त्रिपाठी, विजय चौधरी, अमित चौधरी, प्रमोद कुमार, शशि प्रकाश रंजन व अनिल चंद्र दास को प्रतिनियुक्त किया गया है. इनके साथ अधीनस्थ सभी वनपाल व वनरक्षी को सहायक कर्मी के रूप में तैनात किया जायेगा.
दलमा के इन मार्गों पर बनाये गये चेकनाके
दलमा जंगल में पहुंचने से रोकने के लिए 11 पहुंच मार्गों पर चेकनाका बनाया गया है. इन चेकनाकों से सेंदरा के लिए दलमा जाने वाले लोगों को रोका जायेगा. इसके तहत धालभूम, पिपला, देवघर, रघुनाथपुर, पटमदा, हाता, आदरडीह, बहरागोड़ा-1, बहरागोड़ा-2, काली मंदिर व भादोडीह में चेकनाका बनाया गया है.
विशु शिकार रोकने को लेकर विभाग द्वारा 11 चेकनाका बनाये गये हैं. चेकनाका पर प्रतिनियुक्त सभी पदाधिकारियों व कर्मियों को छह मई को दलमा अभ्यारण्य के क्षेत्रीय कार्यालय मानगो में योगदान करने का निर्देश दिया गया है. विभाग की कोशिश है कि एक भी जंगली जानवर की सेंदरा ना हो.
ए एक्का, जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी, सरायकेला खरसावां