113 किमी तक कैनाल में छोड़ा जायेगा पानी
चांडिल : चांडिल डैम के कैनाल में इस वर्ष 113 किलोमीटर तक पानी छोड़ा जायेगा. रविवार को डैम के कैनाल में पानी छोड़ कर इसकी शुरुआत कर दी गयी. इसकी जानकारी देते हुए चांडिल डैम के मुख्य अभियंता ब्रज मोहन कुमार ने बताया कि चांडिल डैम के कैनाल में रविवार को दोपहर करीब 12 पानी छोड़ा गया.
वर्तमान में कैनाल में 5 क्यूबिक फूट पानी छोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कैनाल में 85 किलोमीटर तक पानी छोड़ा गया था. अब इस वर्ष परीक्षण के लिए 113 किलोमीटर पानी छोड़ा जायेगा. प्रभात खबर से बातचीत में श्री कुमार ने कहा कि चांडिल डैम के 127 किलोमीटर लंबे कैलान में पानी छोड़ने के लिए मार्च 2014 तक इंतजार करना पड़ेगा.
कापडीशोल में कैनाल के ऊपर रेलवे का पुल बनने का काम चल रहा है. पुल निर्माण का काम पूरा होने के बाद ही 127 किलोमीटर लंबी कैनाल में पानी छोड़ पाना संभव होगा. उन्होंने बताया कि पुल निर्माण वाले स्थान को छोड़ कर बाकी स्थानों में कैनाल निर्माण का काम पूरा हो चुका है.
मार्च 2014 में रेलवे का पुल बन जाने के बाद कैनाल को जोड़ दिया जायेगा. चांडिल हाइडल परियोजना से बिजली उत्पादन के संबंध में उन्होंने बताया कि हाइडल का काम चल रहा है. बिजली उत्पादन के लिए डैम में 185 मीटर जल स्तर की आवश्यकता है, जो वर्तमान में नहीं है. डैम में जलस्तर बढ़ने और परियोजना का काम पूरा होने के बाद बिजली उत्पादन का काम भी प्रारंभ हो जायेगा. इसके लिए निश्चित तिथि नहीं बतायी जा सकती है.
मिट्टी हटाने का विरोध, सहमति
चांडिल डैम के कैनाल में बिरीगोड़ा के निकट आवागमन के लिए डाले गयी मिट्टी को आपसी सहमति के बाद हटाने का काम प्रारंभ हो गया है. बिरीगोड़ा में कैनाल के दोनों ओर गांव है, जहां पुल नहीं रहने के कारण ग्रामीणों को आवागमन करने में बाधा उत्पन्न होगी. अब तक ग्रामीण कैनाल में मिट्टी भरकर आवागमन करते थे.
परियोजना द्वारा रविवार को कैनाल में पानी छोड़े जाने के बाद मिट्टी हटाने के लिए पहुंचे पदाधिकारियों और ठेकेदार को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. इसकी सूचना मिलने पर परियोजना के कार्यपालक अभियंता, चांडिल के अंचल अधिकारी रवींद्र गागराई, थाना प्रभारी अरविंद कुमार सिंह आदि बिरीगोड़ा पहुंचे.
पंचायत के मुखिया गुरुचरण सिंह सरदार, दिलीप महतो आदि ने ग्रामीणों की समस्या को पदाधिकारियों के समक्ष रखा और कैनाल में पुल निर्माण होने तक मिट्टी को यथावत रहने देने की मांग की. बाद में कैनाल में डैम के सहारे बांस का अस्थायी पुल बनाकर आवागमन जारी रखने और कैनाल में उक्त स्थान पर पुल बनाने का आश्वासन देने के बाद मिट्टी हटाने का काम प्रारंभ हुआ.