हाथियों का अातंक. नुकसान को लेकर डीसी ने की बैठक, कहा
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प्रभावितों को मिलेगा मुआवजा
हाथियों का अातंक. नुकसान को लेकर डीसी ने की बैठक, कहा बजट नहीं होने से हाथियों को भगाने में परेशानी सरायकेला : उपायुक्त छवि रंजन ने पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जिले में आये दिन हाथियों के उत्पात व उसके कारण होने वाली क्षति की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को शीघ्र मुआवजा […]
बजट नहीं होने से हाथियों को भगाने में परेशानी
सरायकेला : उपायुक्त छवि रंजन ने पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जिले में आये दिन हाथियों के उत्पात व उसके कारण होने वाली क्षति की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को शीघ्र मुआवजा दिया जाये. बैठक में डीएफओ ए एक्का ने बताया कि ओड़िशा के सिमल पहाड़ से झारखंड पहुंचा हाथियों का झुंड जिले के गांवों में उत्पात मचा रहा है. उन्होंने बताया कि हाथी ओड़िशा की सीमा से घुसने के पश्चात राजनगर, सरायकेला, खरसावां, व चांडिल होते हुए सीधे दलमा वन क्षेत्र में घुस जाते हैं. हाथियों के आने जाने का एक निश्चित कॉरिडोर बना हुआ है, उससे ही वे आना-जाना करते हैं.
वहीं इन दिनों रात में सड़कों तथा अन्य विकास के कार्य भी रात में भी चलने के कारण हाथी अपने मार्ग से भटक जा रहे हैं. हाथियों को रात में ही भगाया जा सकता है, लेकिन रात में तेज लाइट व रात में चल रही मशीनों की आवाज के कारण हाथी भटक जा रहे हैं, जिससे उन्हें भगाने में परेशानी हो रही है.
विभाग के पास राशि का अभाव : उन्होंने बताया कि सरायकेला वन प्रमंडल में हाथियों का उत्पात रोकने के लिए कोई आवंटन नहीं मिलता. इससे इस कार्य के लिए 15 सदस्यीय टीम गठित की गयी है, लेकिन आवंटन के अभाव में स्थानीय व्यवस्था से ही यह काम हो रहा है. वैसे इसके लिए सरकार से आवंटन की मांग की गयी है. उन्होंने बताया कि हाथियों के उत्पात से क्षति के लिए मुआवजा भुगतान का प्रावधान है. इसके लिए अंचल कार्यालय से वंशावली का प्रतिवेदन प्राप्त करना होता है. मौके पर कई पदाधिकारी उपस्थित थे.
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