10 नवंबर को सिदमाकुदर व 29 को हुदू क्षेत्र में हुई थी हथिनी की मौत
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अत्यधिक धान खाने से हुई हथिनी की मौत : रेंजर
10 नवंबर को सिदमाकुदर व 29 को हुदू क्षेत्र में हुई थी हथिनी की मौत एक माह के अंदर दो हथिनियों की मौत से विभाग सकते में सरायकेला : बीते 29 नवंबर को सरायकेला वन प्रेक्षत्र के हुदू पंचायत अन्तर्गत बलदेवपुर में हुई हथिनी की मौत अत्यधिक धान खाने के कारण हुई. हथिनी ने जिस […]
एक माह के अंदर दो हथिनियों की मौत से विभाग सकते में
सरायकेला : बीते 29 नवंबर को सरायकेला वन प्रेक्षत्र के हुदू पंचायत अन्तर्गत बलदेवपुर में हुई हथिनी की मौत अत्यधिक धान खाने के कारण हुई.
हथिनी ने जिस मात्रा में धान खाया, उसे पचाने के लिए पर्याप्त पानी उसे नहीं मिल पाया, जिसके कारण उसकी अचानक मृत्यु हो गयी. सरायकेला के वन क्षेत्र पदाधिकारी सुरेश प्रसाद ने बताया कि जंगली हाथियों का झुंड अनाज, भोजन पानी की तलाश में जंगलों से भटक कर गांवों और खेतों की ओर पहुंच रहे हैं.
खेतों में धान की फसल को झुंड के हाथी जरूरत से ज्यादा खा ले रहे हैं, लेकिन उसे पचाने के लिए पर्याप्त पानी उन्हें नहीं मिल रहा है, जिससे हाथियों को नुकसान हो रहा है. श्री प्रसाद ने बताया कि मृत हथिनी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार हथिनी की मौत अत्यधिक धान खाने से हुई बताया गया.
सिदमाकुदर में तीव्र कामोत्तेजना से हुई हथिनी की मौत
बीते 10 नवंबर को खरसावां के मुंडाटांड़ पंचायत के सिदमाकुदर गांव में हथिनी की मौत अत्यधिक कामोत्तेजना होने के कारण हुई थी. श्री प्रसाद ने बताया कि खरसावां वनक्षेत्र के सिदमाकुदू में हुई हथिनी की मौत कामोत्तेजना की तीव्र जागृति से हुई थी. उन्होंने बताया कि मृत हथिनी को बहुत तीव्र कामोत्तेजना होने के बावजूद उसकी कामोत्तेजना क्रिया पूरी नहीं हो पायी.
ऐसे में कामोत्तेजना की तीव्र छटपटाहट में हथिनी ने दम तोड़ दिया. सरायकेला व खरसावां वन प्रक्षेत्र में पिछले एक माह के अंदर हुई दो हथिनियों की मौत से वन विभाग सकते में है. विभाग द्वारा मृत हथिनी का बिसरा जांच के लिए रांची भेजा जा रहा है.
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