सरायकेला से दो दिन बाद डॉ प्रदीप के नेतृत्व में पहुंचा चिकित्सा दल
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कदमडीहा में डायरिया का प्रकोप, दर्जनों लोग आक्रांत
सरायकेला से दो दिन बाद डॉ प्रदीप के नेतृत्व में पहुंचा चिकित्सा दल खेत की मछली, कुएं के पानी के सेवन से गांव में फैला डायरिया गांव में कैंप कर रही है टीम, मरीजों की हालत खतरे से बाहर सरायकेला : सरायकेला प्रखंड का कदमडीहा गांव डायरिया की चपेट में आ गया है. रविवार रात […]
खेत की मछली, कुएं के पानी के सेवन से गांव में फैला डायरिया
गांव में कैंप कर रही है टीम, मरीजों की हालत खतरे से बाहर
सरायकेला : सरायकेला प्रखंड का कदमडीहा गांव डायरिया की चपेट में आ गया है. रविवार रात गांव के कुछ लोगों को अचानक उल्टी-दस्त शुरू हो गया, जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था. इसके बाद धीरे-धीरे पूरा गांव इस बीमारी की चपेट में आ गया, जिससे गांव के दर्जनों लोगों को उल्टी-दस्त शुरू होने के कारण ग्रामीणों में भय का माहौल कायम हो गया. सोमवार को डायरिया से पीड़ित ग्रामीण इलाज के लिए हाथ-पांव मारते रहे. कहीं से गांव में डायरिया फैलने की सूचना मिलने के बाद मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर मरीजों का इलाज शुरू किया.
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार के नेतृत्व में पहुंची टीम ने गंभीर रूप से बीमार मरीजों को सदर अस्पताल भेजने की व्यवस्था की, जहां उनका इलाज चल रहा है तथा वहां सबकी हालत खतरे से बाहर बतायी गयी है. उधर स्वास्थ्य टीम ने बाकी ग्रामीणों की गांव में ही जांच कर उन्हें दवाइयां दीं. स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में ही कैंप कर मरीजों की देखभाल कर रही है. डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि गांव में फैली डायरिया नियंत्रण में है. उनकी टीम गांव में कैंप कर मरीजों की चिकित्सा एवं देखभाल कर रही है. ग्रामीणों में दवाइयां एवं ओआरएस के पैकेट वितरित किये गये हैं.
सात मरीजों को भेजा सदर अस्पताल, बाकी का गांव में हुआ उपचार
सदर अस्पताल में भर्ती हैं सात ग्रामीण
डॉ़ कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में गांव के सात लोग भर्ती हैं. वहां इलाज के बाद उनकी स्थिति काफी में काफी सुधार हुआ है. अस्पताल में भर्ती ग्रामीणों में सोमवारी महतो, शेफाली महतो, दमयंती महतो, गीता महतो, मेनका महतो, गीता महतो, रवि महतो शामिल है, जिनकी स्थिति खतरे से बाहर बतायी गयी है.
खेत की मछली, कुएं के पानी से फैला डायरिया
डॉ कुमार ने बताया कि गांव में लगे सभी चापाकल खराब पड़े हैं तथा पूरा गांव अभी कुएं के पानी का ही पीने के लिए इस्तेमाल कर रहा है. इसके अलावा ग्रामीणों ने खेतों से पकड़ी गयी मछलियों का सेवन भी किया, जिसके कारण ही गांव में डायरिया का प्रकोप शुरू हुआ. डॉ कुमार ने बताया कि गांव के कुएं में ब्लीचिंग पाउडर डलवाया गया है, जबकि ग्रामीणों को पानी उबाल कर ही पीने की हिदायत दी गयी है.
कैंप में हुआ दो मरीजों का इलाज
डॉ कुमार ने बताया कि गांव में कैंप कर रही मेडिकल टीम ने गांव में ही दो मरीजों का इलाज किया. इलाज के बाद गांव के गुरुवा महतो (60) एवं शकुंतला महतो (30) की स्थिति में सुधार आ रहा है. उन्होंने बताया कि बाकी ग्रामीणों की भी जांच कर आवश्यक दवाइयां दी गयी हैं.
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