साहिबगंज. जिला मुख्यालय से नौ किलोमीटर दूर मदनशाही के पलटनगंज में दो दिवसीय सत्संग व भंडारे का आयोजन किया गया. उन्होंने संत कादिर साहब के बताये मार्ग पर चलने की बात कही. उन्होंने कहा कि ब्रह्ममांड साक्षी जीवन की लीला समाप्त होने के बाद आपको कैसे मुक्ति मिले, इसके लिए गुरु के शरण में शिक्षा और दीक्षा लेनी पड़ती है. माता-पिता जन्म दे सकता है, लेकिन मुक्ति नहीं. मुक्ति के लिए देव, दानव, मानव, सूर, असूर, नर-नारी, किन्नर, देवी-देवता सभी ने गुरु से दीक्षा लेकर अपने जीवन को सही दिशा और मुक्ति के लिए कार्य किया है. मुख्य वक्ता शंकर दास ने मुक्ति की मार्ग बताता. मौके पर बरहमपुर, भागलपुर, कटिहार, बांका, गोड्डा, मालदा से संत और महात्मा पहुंचे. मौके पर महंत गोपाल साहब, रामानंद साहब, संत किस्तू साहब, संत रामचंद्र साहब, महंत बासुदेव साहब, संत गणेश साहब, संत रीतलाल साहब, संत शांति साध्वी, संत बैजनाथ साहब, संत यशोदा साध्वी, संत उषा साध्वी, व्यवस्थापक संत वेद आनंद साहब, समस्त परिवार द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया.
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