बरहरवा. सरकार द्वारा मरीजों को आपात में अस्पताल पहुंचाने के लिए चलाई जा रही 108 एम्बुलेंस सेवा की स्थिति जिले में चरमरा गयी है. इलाज के लिए जाने वाले या रेफर होने वाले मरीजों को एम्बुलेंस का सही समय पर लाभ नहीं मिल पा रहा है. वैसे लोग जिनके पास रुपए की कमी नहीं है वे प्राइवेट एंबुलेंस या निजी वाहन का उपयोग कर अच्छे अस्पताल में इलाज के लिए तो पहुंच जा रहे हैं. मगर परेशानी गरीब तबके के लोगों को हो रही है. जिले में 108 एंबुलेंस की संख्या 18 है लेकिन वर्तमान समय में महज सात ही संचालित है. यह स्थिति कई माह से ऐसी ही है. एम्बुलेंस रख-रखाव की कमी के कारण मरीज़ों को इलाज में भी परेशानी उठानी पड़ रही है. समय-समय पर एम्बुलेंस का मेंटेनेंस नहीं हो पाने से मरीजों को इलाज के लिए दूर ले जाने में भी परेशानी होती है. कई बार तो ऐसा भी देखने को मिला है कि यदि बरहरवा सीएचसी से किसी मरीज को रेफर कर दिया गया है तो वह एम्बुलेंस से साहिबगंज सदर या पाकुड़ तक ही जा पाती है. एम्बुलेंस कर्मियों के द्वारा दूर ले जाने से असमर्थता जताई जाती है. वहीं कई बार तो एंबुलेंस को धकेल कर स्टार्ट किया जाता है. कई एंबुलेंस में स्टेपनी तक नहीं है. इससे उन कर्मियों को परिवार चलाने में भी परेशानी उठानी पड़ रही है. क्या कहते हैं अधिकारी जिले के आयुष विभाग के डीपीएम असित कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में एंबुलेंस का संचालन करने वाली कंपनी का बदलाव हुआ है. अभी सात एम्बुलेंस रनिंग अवस्था मे है. शेष एंबुलेंस को अपडेट करने का कार्य चल रहा है.
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