बरहरवा. नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड 11 अंतर्गत कुशवाहा टोला दुर्गा मंदिर प्रांगण में रविवार को प्रभात खबर की ओर से प्रभाव संवाद का आयोजन किया गया. जिसमें कुशवाहा टोला के दर्जनों युवाओं ने गांव की समस्याओं को प्रमुखता से रखा एवं प्रशासन से उनके निदान की मांग की. युवाओं ने बताया कि हमारे गांव में करीब 450 घर हैं तथा गांव की आबादी 2,000 से अधिक है. नगर के सबसे घनी आबादी वाले गांव होने के बावजूद यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. गांव की सबसे बड़ी समस्या पानी की है. चापाकल पुराने हो चुके हैं. कई चापाकल तो पूरी तरह से खराब हो चुके हैं. नगर द्वारा कई स्थानों पर डीप बोरिंग करायी गयी है. लेकिन, घनी आबादी के कारण पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है. लोग पानी के लिये घंटों इंतजार करते हैं. गर्मी में गांव में लगे बिजली के ट्रांसफॉर्मर पर्याप्त लोड नहीं उठा पाते हैं. जिस कारण लो वोल्टेज की समस्या भी बनी रहती है. पूरे गांव में बिजली का नंगा तार झुला हुआ है, जिससे हमेशा हादसे का डर बना रहता है. गांव में 6-7 स्थानों पर बिजली के पोल लगाने की आवश्यकता है. गांव से होकर जोला नाला गुजरता है. जिसमें पूरे शहर का पानी आता है. लेकिन, इसके बावजूद जोला नाला पूरी तरह से गंदे पानी व कचरा से भरा हुआ है तथा जहां-तहां अतिक्रमण का शिकार भी हो गया है. जोला नाला भरा रहने के कारण नाले से सटे कई ग्रामीणों की कृषि योग्य भूमि में भी सालों भर नाला का गंदा पानी भरा रहता है. गांव में कई-कई दिनों तक कूड़े-कचरे का अंबार लगा रहता है. नगर द्वारा सड़कों की साफ-सफाई तो करवायी जाती है, लेकिन जमा किया हुआ कचरा और गांव की गलियों में फैला हुआ कचरा कई दिनों बाद उठा कर ले जाया जाता है. गांव में कोई माध्यमिक विद्यालय नहीं है. यहां के सैकड़ों बच्चे पढ़ने के लिये दूसरे विद्यालयों में जाते है. इसीलिये, बरहरवा ब्लॉक के पास स्थित प्राथमिक विद्यालय कोयरीपाड़ा को माध्यमिक विद्यालय बनाया जाएं. साथ ही ब्लॉक के निकट एक सामूहिक विवाह भवन बनाया जाएं. अहले सुबह से ही हमारे गांव से होकर ट्रैक्टर का परिचालन होता है. गांव में ट्यूशन पढ़ने रोजाना सैकड़ों बच्चे आते हैं. बड़े वाहनों के प्रवेश से दुर्घटनाओं का डर बना रहता है. प्रशासन को गांव होकर बड़े वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. गांव की कई गलियां अभी भी कच्ची हैं तथा उनमें जल निकासी का भी प्रबंधन नहीं है. प्रशासन को गांव की सभी गलियों में पक्की सड़कें और नालियां बनानी चाहिये. मौके पर लक्खी महतो, भानु महतो, विकास कुमार, सूरज कुमार, महेश कुमार, सौरभ कुमार, बंटी कुमार, क्रांति कुमार, शंभु महतो, गौरीशंकर महतो, विनोद राजक सहित अन्य मौजूद थे. क्या कहते है लोग गांव से होकर गुजरने वाले जोला नाला में सालों भर गंदा पानी जमा रहता है. कूड़ा-कचरा से नाला भर गया है. कई लोगों द्वारा सरकारी नाले का अतिक्रमण भी किया गया है. प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिये. – फोटो- 02, प्रमोद कुमार प्रशासन को रेलवे फाटक खुलवाना चाहिये. हमारे गांव के कई किसानों के खेत फाटक के उस तरफ है. फाटक बंद हो जाने से किसानों को फसलों के परिवहन में परेशानी होती है. साथ ही अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है. – फोटो- 03, अमर कुमार महतो गर्मी के दिनों में गांव में लो वोल्टेज की समस्या रहती है. गांव में जहां-तहां बिजली का तार झुला हुआ है. जिससे दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है. गांव में 6-7 स्थानों पर बिजली के खंभों की आवश्यकता है. – फोटो- 04, विवेक कुमार महतो आसपास कोई आधार सेंटर नहीं है. स्टेट बैंक में है तो वहां बहुत ज्यादा भीड़ रहता है. जिससे बच्चों के नये आधार कार्ड बनवाने तथा आधार सुधरवाने में कठिनाई होती है. नगर कार्यालय में एक आधार सेंटर खोला जाना चाहिये. – फोटो- 05, संतोष कुमार कुशवाहा जोला नाला भरा होने के कारण सालों भर हमारे कृषि योग्य भूमि में गंदा पानी जमा रहता है. कई वर्षों से हमलोग उक्त भूमि का उपयोग नहीं कर पा रहे है. प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिये. – फोटो- 06, कुणाल कुमार महतो घनी आबादी के बावजूद गांव में अच्छी शिक्षा के लिये कोई माध्यमिक विद्यालय नहीं है. रोजाना सैकड़ों बच्चे पढ़ने के लिये जाते हैं. प्राथमिक विद्यालय कोयरीपाड़ा को माध्यमिक विद्यालय बनाया जायें. – फोटो- 07, अमर कुमार कुशवाहा हमारे गांव में पानी की बहुत अधिक समस्या है. गांव के पुराने चापाकल खराब हो चुके हैं. घनी आबादी के लिये पर्याप्त डीप बोरिंग नहीं है. नगर प्रशासन को पेयजल की समुचित व्यवस्था करनी चाहिये. – फोटो- 08, आशीष कुमार महतो गांव की सड़कों और गलियों में कई दिनों तक कूड़े-कचरे का अंबार लगा रहता है. सफाई कर्मी झाड़ू मारकर कचरा जमा कर देते हैं, जिसे कई दिनों बाद उठाया जाता है. इससे गंदगी व दुर्गंध फैलती रहती है. – फोटो- 09, बिक्की कुमार हमारे गांव में अहले सुबह से ही ट्रैक्टर का परिचालन शुरू हो जाता है. गांव में कई ट्यूशन सेंटर है, जहां सैकड़ों बच्चे रोजाना पढ़ने आते हैं. इससे हमेशा दुर्घटनाओं का डर लगा रहता है. बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक लगायी जाये. फोटो- 10, कृष्णकांत कुमार महतो गांव की कई गलियों में पक्की सड़क व जल निकासी के लिये नालियां नहीं है. जिस कारण बरसात में गलियां कीचड़मय हो जाती है और आने-जाने में काफी कठिनाई होती है. यहां शीघ्र सड़क एवं नाली बनाने की पहल हो. फोटो-11, कार्तिक कुमार कुशवाहा
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