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पश्चिम बंगाल के रास्ते बरहरवा में प्रवेश करता है जाली नोट

नौ साल पहले भी बरहरवा मे 6 लाख के बरामद हुए थे जाली नोट

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बरहरवा. जाली नोट का धंधा करने वाले व देश की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ने में हमारे मुल्क के कुछ अपराधी पश्चिम बंगाल से बरहरवा के रास्ते जाली नोट का धंधा फिर से शुरू कर दिये हैं. एक बार फिर से बरहरवा रेलवे स्टेशन पर 4 लाख 12 हजार रुपये के जाली नोट बरामद होने के बाद बरहरवा सुर्खियों में आ गया है. बरहरवा-साहिबगंज रेलखंड पर जाली नोट का धंधा करने वाले के लिए सेफ जोन माना जाता है क्योंकि यह इलाका पश्चिम बंगाल और यहां से बांग्लादेश से सटा हुआ है. यहां से कारोबारी आसानी से पश्चिम बंगाल के रास्ते बरहरवा में प्रवेश कर जाते हैं और अपने जाली नोटों का नेटवर्क पूरे देश में फैला देते हैं. 20 जनवरी 2016 को बरहरवा रेलवे स्टेशन के समीप साहिबगंज के तत्कालीन एसपी सुनील भास्कर के निर्देश पर 6 लाख रुपये के जाली नोट के साथ राधानगर थाना क्षेत्र के पलाशगाछी निवासी यार मोहम्मद पिता मुख्तार शेख एवं उसके साथी आलमगीर आलम पिता मनीरूद्दीन के बैग से बरामद किया था. तत्कालीन एसपी ने पूरे मामले को लेकर जब खंगाला तो पता चला कि इसका नेटवर्क पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश तक जुड़ा है. पूछताछ के क्रम में गिरफ्तार उक्त दोनों युवकों ने पुलिस को बताया था कि बरहरवा रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ कर हावड़ा जाना और वहां से मुंबई जाली नोट लेकर पहुंचना था. जांच के क्रम में पुलिस को पता चला था कि पलाशगाछी के मेहंदी हुसैन के यहां से यह लोग जाली नोट लेकर बरहरवा पहुंचे थे. जब्त किए गए सभी नोट उसे वक्त 1000 के थे. पुलिस को जांच के क्रम में पता चला था कि यह सभी जाली नोट बांग्लादेश में छपे थे और इसमें पश्चिम बंगाल के भी कई लोग शामिल थे. पश्चिम बंगाल के फरक्का मे विप्लव के पास कहां से आया जाली नोट बीते शनिवार को बरहरवा रेलवे स्टेशन से बरामद जाली नोट के सप्लायर पश्चिम बंगाल फरक्का के विप्लब घोष ने पंजाब के उक्त दोनों युवकों को जाली नोट बेचा था. यह जाली नोट आखिर विप्लव के पास कहां से आया. यह जीआरपी के जांच का विषय है. फरक्का धुलियान इलाके में अब तक दर्जनों बार बरामद हुआ है जाली नोट साहिबगंज जिला के बरहरवा एवं पाकुड़ जिला से सटे पश्चिम बंगाल के फरक्का एवं धुलियान के इलाके में अब तक पिछले एक साल में दर्जन बार से अधिक जाली नोट बरामद हो चुका है. बंगाल पुलिस जब भी जाली नोट बरामद करती है और वहां के कुछ स्थानीय लोगों को गिरफ्तार करती है और जेल भेजती है. लेकिन अगर पश्चिम बंगाल पुलिस इन जाली नोटों के असली सप्लायर को पकड़ने में सफल होती तो इस धंधे पर अंकुश लगता क्योंकि अक्सर जाली नोट के धंधे में पश्चिम बंगाल के ही लोग शामिल रहते हैं क्योंकि यहां से बांग्लादेश का बॉर्डर काफी नजदीक है और बांग्लादेश से जाली नोट भारत में प्रवेश करने की कई खबरें सामने आ चुकी है. क्या कहते हैं रेल एसपी धनबाद रेल एसपी सह सीटी एसपी

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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