बरहरवा. जिले के बरहरवा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत गुमानी इलाके से गुजरने वाली गुमानी नदी का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र में बाढ़ आता है. इससे न केवल प्रत्येक साल कटाव हो रहा है, बल्कि सैकड़ों एकड़ फसल भी बर्बाद हो रही है. इसे लेकर प्रभात खबर की ओर से ””””प्रभात खबर आपके द्वार”””” कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें स्थानीय लोगों ने गुमानी नदी से हो रही कटाव एवं सैकड़ों एकड़ जमीन पर फसल बर्बादी सहित अन्य मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की. स्थानीय लोगों ने बताया कि जब क्षेत्र में काफी अधिक वर्षा होती है तो बरहेट, पतना एवं बरहरवा प्रखंड से गुजरने वाली गुमानी नदी का जलस्तर बढ़ जाता है और बरहरवा प्रखंड क्षेत्र के दर्जनभर गांवों के निचले इलाकों में पानी घुस जाता है. इससे सड़क, स्कूल डूब जाता है और यहां के लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि गुमानी नदी के कटाव के कारण प्रत्येक साल सैकड़ों लोग प्रभावित हो रहे हैं. कई लोगों के घर के साथ-साथ गांव की प्रमुख पक्की सड़कें व कच्ची सड़कें भी चपेट आ रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि गुमानी नदी के किनारे जहां घनी आबादी बसी है, अगर वहां पर बोल्डर क्रेटिंग का कार्य सही ढंग से किया जाये तो काफी हद तक कटाव को रोका जा सकता है. इसके साथ ही बरहेट में बनाये गये गुमानी बराज परियोजना के गेट को खोलते वक्त स्थानीय लोगों को सूचना मिले और धीरे-धीरे पानी छोड़ा जाये, तो यहां के लोगों को काफी राहत मिल सकती है. अक्सर यह देखा जाता है कि रात्रि में अचानक बराज का गेट खोल दिया जाता है, जिससे जलस्तर बढ़ता है और काफी नुकसान होता है. गुमानी नदी पर बने पुल की चौड़ाई छोटी होने से धीरे-धीरे निकलता है पानी प्रखंड क्षेत्र के बोनीडांगा रेलवे स्टेशन एवं बिंदुवासिनी हॉल्ट के बीच रहमतपुर घुघुमारी के पास गुमानी नदी पर बने रेलवे ब्रिज नंबर 397 के पुल के पिलर के नीचे बोल्डर क्रेटिंग कर गुमानी नदी का मुंह (चौड़ाई) दोनों किनारे मिलकर करीब 30 फीट छोटा कर दिया गया है. जब गुमानी नदी का जलस्तर बढ़ता है, तो यहां से पानी निकलने में काफी समय लगता है. जिस कारण गुमानी इलाके में पानी का फैलाव ज्यादा होता है और बाढ़ से सैकड़ों एकड़ फसल एवं दर्जनों लोगों के घर व रास्ता का कटाव होता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पुल वर्षों पुराना है. यहां पर रेलवे के द्वारा पुल के नीचे पिलर के चारों ओर गार्डवाॅल बनाया गया है. साथ ही नदी के दोनों किनारे भी गार्डवाॅल बनाया गया है. जिस कारण करीब 30 फीट नदी का मुंह छोटा हो गया है और यहां से पानी धीरे-धीरे निकलता है. दरियापुर पंचायत के मुखिया सह युवा नेता मो इश्तियाक एवं स्थानीय लोगों ने बताया कि रेलवे ने गार्डवाल बनाकर अपने पुल को मजबूत करने का काम तो कर लिया, लेकिन इससे गुमानी नदी का मुंह छोटा हो गया है. रेलवे अगर यहां पर बगल में ही दूसरा पुल बना देता तो गुमानी इलाके के नदी का पानी आसानी से निकल जाता और प्रत्येक साल बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती. कटाव में आये घर और रास्ते, लोग कैसे करेंगे गुजर-बसर बरहरवा प्रखंड क्षेत्र के श्रीकुंड पंचायत अंतर्गत चाकपाड़ा इलाके के नदी किनारे के दर्जनों घर कटाव की जद में आये हैं. वहीं, कुछ मुहल्ले की सड़कें भी चपेट में आयी है. क्योंकि, गत 15 दिन पूर्व गुमानी नदी का पानी निचले इलाकों में घुस गया था. जिससे क्षेत्र को काफी नुकसान हुआ है. चाकपाड़ा के आलम शेख ने बताया कि पिछले वर्ष उनकी पत्नी मेहनेगार बीबी के नाम से झारखंड सरकार की ओर से अबुआ आवास प्राप्त हुआ था. वह लोग आवास बनाकर खुशी-खुशी अपने घर में रह रहे थे. लेकिन, 15 दिन पूर्व गुमानी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से बाढ़ आ गया और उनके घर के मुख्य दरवाजा का रास्ता कटाव की चपेट में आ गया. इस कारण उनके घर की निकासी पूरी तरीके से बंद हो गयी है. मजबूरन वे लोग पूरा घर-परिवार छोड़कर किराये के मकान में रह रहे हैं. घर के अन्य हिस्सों में भी दरार आ गया है. आलम ने बताया कि इस संबंध में जिला एवं प्रखंड के पदाधिकारी को लिखित शिकायत कर जानकारी भी दी गयी है लेकिन अब तक उन्हें कोई मदद नहीं हुई है.
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