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प्रकाश मंडल उर्फ पीके को भेजा गया राजमहल मंडल कारा

साहिबगंज : प्रकाश मंडल को साहिबगंज एसपी व अन्य पुलिस टीमों ने गहरी जांच व कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राजमहल उपकारा भेज दिया गया है. राजमहल क्षेत्र में अधिक कांड दर्ज होने के कारण राजमहल भेजा गया है. प्रकाश ने एसपी को कई अहम जानकारी दी है. दियारा […]

साहिबगंज : प्रकाश मंडल को साहिबगंज एसपी व अन्य पुलिस टीमों ने गहरी जांच व कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राजमहल उपकारा भेज दिया गया है. राजमहल क्षेत्र में अधिक कांड दर्ज होने के कारण राजमहल भेजा गया है. प्रकाश ने एसपी को कई अहम जानकारी दी है. दियारा इलाके में कैसे हत्या व अपहरण के मामलों को अंजाम दिया इसकी पूरी कहानी सुनायी है.

जेल में झड़प की आशंका : प्रकाश मंडल को जिस जेल में भेजा गया है वहां उसके गुर्गे पंकज लाला व सुबेश मंडल गिरोह के लोग भी बंद हैं. पुलिस को डर है कि वहां प्रकाश की झड़प उससे हो सकती है. आइबी ने भी अपने रिपोर्ट में आशंका जाहिर की है. इस बात को लेकर भी पुलिस प्रशासन सतर्क है. जेल में प्रकाश को सबसे अलग रखा जा सकता है.
बिहार की पुलिस लौटी : प्रकाश की गिरफ्तारी के बाद भागलपुर के सबौर थाने की पुलिस भी शुक्रवार शाम साहिबगंज पहुंची. सबौर थाने में भी उसके विरुद्ध कई मामले दर्ज हैं.
दिनाजपुर में बनाया घर : दक्षिण दिनाजपुर में मां पिता के साथ पीके उर्फ प्रकाश मंडल रह रहा था. वहां उसने पांच कट्ठा जमीन पर पक्का घर बना लिया है. पहले वह काफी दिनों तक मालदा में रहा. पीके ने पुलिस को बताया कि गैंगवार के बाद वह अपने परिवार के साथ भागलपुर जिला के औद्योगिक थाना के मारीचक गांव स्थित मकान बेच दिया. दियारा में कुछ जमीन थी वह भी गंगा कटाव में चला गया. वह अब तक अविवाहित है.
ठेकेदारों से वसूलता था रंगदारी : एसपी के अनुसार पीके उर्फ प्रकाश मंडल अपने गिरोह का सरगना था. वह मोबाइल से ही वहां से राजमहल व आसपास के इलाके से सक्रिय प्रभाकर मंडल व पंकज लाला से काम कराता था. खासकर विकास योजनाओं के ठेकेदार से रंगदारी वसूलना उसका मुख्य धंधा था. इलाके में उसका इस कदर दहशत था कि कोई पुलिस से शिकायत करना नहीं चाहता था.
आर्थिक तंगी से जूझ रहा था पीके
राजमहल थाना क्षेत्र के मंगलहाट निवासी नंदन मंडल की हत्या के बाद कुछ समय तक पीके अपना स्थान बदल बदल कर अच्छी उगाही की. लेकिन पुलिसिया दबिश के कारण व कुर्की जब्ती से तंग आकर वह आखिरकार सबौर वाला पैतृक मकान को बेच कर स्थायी रूप से पश्चिम बंगाल के मालदा आया. लेकिन मालदा में भी पुलिस उसे चैन से नहीं रहने दिया और वह सपरिवार दिनाजपुर शिफ्ट कर गया. इस दौरान उसका दाहिना व बांया हाथ कहलाने वाला पंकज लाला व प्रभाकर मंडल उसे किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता बंद कर दी और इसी बीच प्रकाश मंडल कुछ समझ पाता कि पंकज लाला साहिबगंज पुलिस के हाथों चढ़ गया.
वहीं देखते ही देखते बंगाल पुलिस प्रभाकर मंडल को भी गिरफ्तार कर लिया. इस पूरे घटनाक्रम के बाद पीके पूरी तरह आर्थिक संकट से घिर गया और वह दिनाजपुर में ही एक झोला छाप डॉक्टर बनकर अपने परिवार का जीवन यापन शुरू कर दिया.
कोर्ट ने निर्गत किया था लाल वारंट
तीन राज्यों का सिरदर्द प्रकाश मंडल के खिलाफ कोर्ट ने लाल वारंट निर्गत किया था. इसके विरुद्ध बिहार, पश्चिम बंगाल व झारखंड में हत्या, डकैती, रंगदारी जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं. खासकर राजमहल थाना में 15 जुलाई 2009 को परमानंद मंडल को बम व गोली मार कर सरेआम हत्या, सात दिसंबर 2009 को नंदन मंडल पर गोली व बम से हमला, 13 नवंबर 2010 को नंदन मंडल पर जानलेवा हमला, 30 जनवरी 2011 को नंदन मंडल को गोली व बम से मार कर हत्या आदि कई कांडों को प्रकाश ने अंजाम दिया था. इन मामलों में प्रकाश फरार था. कोर्ट ने इसके विरुद्ध इश्तेहार चिपकाया. फिर भागलपुर के सबौर थाना अंतर्गत मीराचक स्थित पैतृक आवास की कुर्की जब्ती की गयी. इसके बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने के कारण केश को फलोअप कर प्रकाश मंडल के विरुद्ध स्थायी तौर पर लाल वारंट जारी कर दिया गया. अब गिरफ्तारी के बाद प्रकाश मंडल के सभी मामलों को री ओपेन किया जायेगा और अब होगी केश की गवाही और सजा.
साहिबगंज : एक लाख के इनामी व ढाई दशक से फरार मोस्ट वांटेड प्रकाश मंडल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. वहीं पुलिस पूरी तरह पूछताछ नहीं कर पाई है. बता दें कि प्रकाश मंडल के विरुद्ध कई हत्या, रंगदारी, डकैती जैसे संगीन मामले दर्ज है. इसलिये पुलिस को सभी मामले में प्रकाश मंडल से पूछताछ करनी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस जल्द ही पीके को रिमांड के लिये न्यायालय में आवेदन दाखिल कर सकती हैं.
इन घटनाओं में संलिप्त था प्रकाश मंडल
15 जुलाई 2009 की देर शाम ऐतिहासिक स्थल बाराद्वारी में गोली बम मारकर परमानंद मंडल की हत्या
7 दिसंबर 2009 की रात नंदन मंडल के घर पर गोली बम से हमला, कई वाहन क्षतिग्रस्त
13 नवंबर 2010 को नंदन मंडल पर जानलेवा हमला, कई अन्य लोग घायल
30 जनवरी 2011 को नंदन मंडल की गोली बम मारकर हत्या
5 जनवरी 2012 को राजमहल व्यवहार न्यायालय में बमबाजी से सुबेश मंडल पर हमला
राजमहल के व्यवसायी संजय भुवानियां का अपरहण कांड

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