दोनों चापाकल खराब, अस्पताल से पानी लाकर प्यास बुझाते हैं यात्री
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पानी तक के लिए भटकते हैं यात्री
दोनों चापाकल खराब, अस्पताल से पानी लाकर प्यास बुझाते हैं यात्री लाखों रुपये प्रति वर्ष राजस्व मिलने के बाद भी नहीं बढ़ रही सुविधाएं साहिबगंज : वर्षों से बदहाल बस स्टैंड को हाल ही में नगर पर्षद द्वारा लाखों रुपये खर्च कर बस पड़ाव का सौंदर्यीकरण किया गया. बावजूद भी साहिबगंज बस स्टैंड में यात्रियों […]
लाखों रुपये प्रति वर्ष राजस्व मिलने के बाद भी नहीं बढ़ रही सुविधाएं
साहिबगंज : वर्षों से बदहाल बस स्टैंड को हाल ही में नगर पर्षद द्वारा लाखों रुपये खर्च कर बस पड़ाव का सौंदर्यीकरण किया गया. बावजूद भी साहिबगंज बस स्टैंड में यात्रियों को सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा हैं. इन दिनों बस यात्रियों को एक बूंद पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है. बस स्टैंड में बने शौचालय भी पानी के अभाव मे बंद पडा हैं. बस स्टेैंड मे लगे दो चापाकल दो माह से खराब पड़ा हैं. यात्री बाहर से पानी लाकर पीते है और सदर अस्पताल में बने शौचालय का इस्तेमाल करते हैं. टिकट काट रहे काउंटर के सिंटू यादव ने बताया कि बस यात्री को पीने के लिए पानी का काफी दिक्कत हो रही है.
शौचालय में लगी टंकी के बिजली मोटर खराब है, जो बदलने के लिए नगर पर्षद कर्मी ले गये हैं. इन सारी सुविधा नहीं मिलने से प्रत्येक दिन सैकड़ों यात्री परेशान रहते हैं. कई बार इन समस्याओं से नगर पर्षद विभाग को अवगत कराया गया, किंतु अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया हैं. इससे आये दिन बढ़ती गर्मी में बस यात्रियों को पानी के लिए भटकना पडेगा.
क्या कहते हैं बस यात्री
बस स्टैंड देखने में तो बहुत सुंदर है, पर सुविधा मिलनी चाहिए वो कम अब भी बरकरार हैं. शौचालय है जिसके गेट पर ताला लटका हुआ है.
बबन यादव, यात्री
गर्मी के दिनों में अगर बस यात्री को पानी नहीे मिलेगा तो अनजान यात्री कहां पानी की तलाश करेेंगे. बस पड़ाव पर दो चापाकल लगा है. मगर कई माह से खराब पड़ा हैं.
इशाक, बस यात्री
समस्या कोई देखनेवाला नहीं है. साफ सुथरा है मगर पानी ही नहीं है. अभी बोरियो जा रहे पानी नहीं था, तो सदर अस्पताल से पानी भर लाये.
रवि मरांडी, बस यात्री
कहते हैं सिटी मैनेजर
बस स्टैंड में चापाकल खराब होने की सूचना नहीं हैं. बस यात्रियों को स्टैंड में हर सुविधा मिले इसके लिए नगर पर्षद तत्पर है. अविलंब खराब चापाकल को मरम्मत कर पीने की पानी की समस्या को दूर किया जायेगा.
शशि शेखर, सिटी मैनेजर, नगर पर्षद
पानी खरीद कर बुझाते हैं प्यास
बस पड़ाव में पेयजल की व्यवस्था नहीं रहने के कारण मजबूरी में यात्री दुकानों से सिलपैक पानी के बोतल खरीद कर पानी पीते हैं. वहीं गरीब तबके के यात्री जिला अस्पताल से पानी लाकर पीते हैं.
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