रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य के स्कूलों में लगभग 90,000 शिक्षकों की कमी को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज द्वारा दायर पीआइएल पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने बुधवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का शपथ पत्र देखा. इसके बाद खंडपीठ ने कड़ी नाराजगी जतायी.
अब तक रिजल्ट जारी नहीं
खंडपीठ ने कहा कि एक ओर स्कूलों में शिक्षकों की कमी है और दूसरी तरफ 26001 सहायक आचार्यों की नियुक्ति के लिए परीक्षा लेने के बाद भी अब तक रिजल्ट जारी नहीं किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी ‘परिमल कुमार व अन्य’ के मामले में 30 जनवरी 2025 को फैसला सुनाते हुए सहायक आचार्य परीक्षा का जल्द रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया था. वर्ष 2024 में ही परीक्षा ली गयी थी, अब तक रिजल्ट क्यों जारी नहीं किया गया? वहीं जेएसएससी ने परीक्षा कैलेंडर जारी कर रिजल्ट के लिए जनवरी 2026 तक का शेड्यूल तय कर दिया है. इस मौके पर खंडपीठ ने सरकार और जेएसएससी को प्रतियोगिता परीक्षा का नया शेड्यूल लाने का निर्देश दिया.
शिक्षा विभाग को धीमी गति पर फटकार लगायी
खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान लंबी समय सीमा पर नाराजगी जतायी. साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग को धीमी गति से चलने के लिए फटकार लगायी. खंडपीठ ने पूछा कि बच्चों का क्या होगा? कहा कि ये आपके राज्य के बच्चे हैं, उन्हें कैसी शिक्षा मिल रही है? खंडपीठ ने सरकार को सख्त निर्देश दिया कि वह प्रस्तावित समय सीमा को कम करे और सुनिश्चित करे कि शिक्षकों की नियुक्ति दो या तीन महीने में हो जाये. जिससे बच्चों को आगामी शैक्षणिक वर्ष में ही अच्छी शिक्षा मिल सके. खंडपीठ ने सरकार और जेएसएससी को सहायक आचार्य परीक्षा का नया शेड्यूल प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 23 अप्रैल की तिथि निर्धारित की. सुनवाई के दौरान शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव भी मौजूद थे.
सरकार 26001 शिक्षकों की नियुक्ति करेगी
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया. सरकार के महाधिवक्ता राजीव रंजन व जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि सरकार पारदर्शी तरीके से 26001 सहायक आचार्यों की नियुक्ति करने जा रही है. इसके लिए जेएसएससी ने परीक्षा ली है. कुरमाली, हो और पंचपरगनिया भाषाओं सहित चार विषयों की पुनर्परीक्षा ली जानी है.
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