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High Court News : राज्य के प्रमुख हॉस्पिटल रिम्स की हालत दयनीय क्यों : हाइकोर्ट

झारखंड हाइकोर्ट ने रिम्स में मरीजों के बेहतर इलाज और बुनियादी सुविधाओं को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर लगातार चाैथे दिन सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत रिम्स के निरीक्षण की रिपोर्ट को देखा.

रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने रिम्स में मरीजों के बेहतर इलाज और बुनियादी सुविधाओं को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर लगातार चाैथे दिन सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत रिम्स के निरीक्षण की रिपोर्ट को देखा. रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए खंडपीठ ने कड़ी नाराजगी जतायी. निदेशक से पूछा- राज्य के प्रमुख हॉस्पिटल रिम्स की हालत दयनीय क्यों है? आप कितने दिनों से रिम्स के निदेशक का पद संभाल रहे हैं? राज्य सरकार हर साल रिम्स को करोड़ों रुपये का फंड देती है. फंड बिना उपयोग किये वापस हो जाता है. आपके पास 1.50 करोड़ रुपये खर्च करने का अधिकार भी है. इसके बावजूद रिम्स की हालत में कोई सुधार क्यों नहीं हुआ? उसकी स्थिति बेहतर क्यों नहीं हो रही है?

प्रार्थी के अधिवक्ता ने रिम्स का निरीक्षण कर कोर्ट में पेश की रिपोर्ट, बताया- रिम्स की हालत दयनीय

खंडपीठ ने रिपोर्ट देखते हुए टिप्पणी करते हुए कहा- रिम्स के वार्ड, उसके बाथरूम, फ्लोर, भवन की छत, बिल्डिंग की स्थिति भी ठीक नहीं है. बेसमेट में पानी का जमाव है. समय पर बिल्डिंग का मरम्मत नहीं होती है. बर्न वार्ड में पंखा, एसी खराब पड़ा है. इमरजेंसी की स्थिति ठीक नहीं है. नर्स-कंपाउंडर की कमी है. मेडिकल उपकरण खराब हैं. कई तरह की जांच बाहर से करानी पड़ती हैं. खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए रिम्स के निदेशक व झारखंड स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन को सभी बिंदुओं पर 11 अगस्त तक विस्तृत जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 12 अगस्त की तिथि निर्धारित की. मामले की सुनवाई के दौरान रिम्स निदेशक प्रो(डॉ) राजकुमार उपस्थित थे. अगली सुनवाई के दौरान भी उपस्थित रहने को कहा गया है. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दीपक कुमार दुबे ने रिम्स का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत किया. रिपोर्ट में रिम्स में मरीजों का इलाज, इमरजेंसी, वार्ड, बाथरूम, मेडिकल उपकरण, बिजली, पानी, साफ-सफाई जैसे बुनियादी सुविधाओं की स्थिति का वर्णन किया गया है. यहां की स्थिति काफी दयनीय है. उल्लेखनीय है कि रिम्स में इलाज की दयनीय स्थिति को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. साथ ही प्रार्थी ज्योति शर्मा की ओर से भी जनहित याचिका दायर रिम्स की व्यवस्था बेहतर बनाने की मांग की गयी है. दोनों जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो रही है.

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