रांची. उषा मार्टिन फाउंडेशन ने पृथ्वी के मृदा संरक्षण के लिए कई पहल की है. ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से भूमि को सिंचित बनाया गया है. इसके जरिए बंजर और गैर उपजाऊ जमीन को मोटा अनाज और नकदी फसल की खेती के योग्य बनाया गया है. इस अभियान से टाटीसिलवे स्थित कारखाने के आसपास के गांवों की 90 एकड़ भूमि को खेती के लिए तैयार किया गया है. यह कार्य सिर्फ एक वर्ष में संपन्न किया गया है. यह पूरी पहल भारत सरकार के लाइफ मिशन के तहत ऊर्जा, जल संरक्षण और मृदा सुरक्षा के उद्देश्य से चलायी जा रही है. फाउंडेशन की ओर से अनगड़ा और नामकुम क्षेत्र के चिन्हित प्रगतिशील किसानों के समूह को तैयार कर खेती से आत्मनिर्भरता और आय सृजन की दिशा में विशेष कार्य किया जा रहा है. पहले चरण में 200 से अधिक किसानों की भूमि की मृदा जांच करायी गयी. इसके आधार पर 30 किसानों की जमीन को ड्रिप इरिगेशन के लिए चयनित किया गया. अब तक 88 किसानों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है. सरकारी सहयोग से उनके खेतों में ड्रिप इरिगेशन की सुविधा दी गयी है, जिसकी अनुदान राशि फाउंडेशन द्वारा वहन की गयी.
किसानों को सब्जी, नकदी फसल और मोटे अनाज की खेती के लिए चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण भी दिया गया. यह प्रशिक्षण रामकृष्ण मिशन और अन्य संस्थाओं के सहयोग से गांव स्तर पर आयोजित हुआ. इस वर्ष 16 किसानों को स्ट्रॉबेरी और 33 से अधिक किसानों को तरबूज, खरबूज, सूरजमुखी और अन्य नकदी फसलों के बीज दिये गये. इसके अतिरिक्त, 16 गांवों के 500 से अधिक किसानों को गरमा सीजन के लिए सब्जी के बीज वितरित किये गये.स्ट्रॉबेरी की खेती से तीन लाख रुपये तक की कमाई की
महिलौंग के किसान भदया महतो ने बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती से उन्होंने तीन लाख रुपये तक का लाभ कमाया है. मासु गांव के प्रेमनाथ महतो ने नकदी फसल और सब्जी की खेती से दो लाख से अधिक की आमदनी की है. सीएसआर से जुड़कर अब दिन के साथ रात में भी खेती संभव हो पायी है. जानुम और अनगड़ा के किसान भी आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं. कंपनी के सहयोग से मासु, अनगड़ा और सिलवई में पॉलीनेट स्थापित किया गया है. इससे बीज और पौधों को कीटाणुओं से बचाने में मदद मिल रही है.खेतों में सोलर लाइट की व्यवस्था
फाउंडेशन की ओर से प्रगतिशील किसानों के खेतों में सोलर लाइट लगायी गयी है. इससे नकदी फसलों के उत्पादन और खेत की देखभाल में काफी मदद मिल रही है. हेसल के ईश्वर महतो ने बताया कि सोलर लाइट से रात में खेत की सुरक्षा और निगरानी आसान हुई है. जानुम के गोवर्धन महतो ने कहा कि कंपनी की योजना प्रगतिशील किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है. इससे जानवरों से खेत की रक्षा भी होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

