रांची. झारखंड सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने यूनिसेफ के सहयोग से माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स का आयोजन किया. यह कार्यक्रम गुरुवार को कांके स्थित विश्वेश्वरैया इंस्टीट्यूट में हुआ. इसका उद्देश्य 50 मास्टर ट्रेनर्स की टीम तैयार करना है, जो प्रमंडलीय और प्रखंड स्तरों पर माहवारी स्वच्छता एवं स्वास्थ्य जागरूकता के लिए काम करेगी. प्रशिक्षण कार्यक्रम में झारखंड के सभी 24 जिलों के प्रतिभागी शामिल हुए. महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक किरण कुमारी पासी ने कहा कि खुले आसमान की ऊंचाई हर महिला और लड़की के इंतजार में है. मासिक धर्म कभी भी आपके सपनों की राह में बाधा नहीं बनना चाहिए.
सरकार के समावेशी और समग्र दृष्टिकोण की सराहना
यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डॉ कनीनिका मित्र ने सरकार के समावेशी और समग्र दृष्टिकोण की सराहना की. माहवारी स्वच्छता से जुड़े मुद्दों पर होनेवाली चर्चाओं में लड़कों एवं पुरुषों की भागीदारी पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि सैनिटरी उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाने से माहवारी स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा. झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की सीइओ कंचन सिंह ने बताया कि राज्य में स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित 14 सैनिटरी पैड निर्माण इकाई सक्रिय हैं, जिनकी पहुंच 32 लाख ग्रामीण महिलाओं तक हो चुकी है. इस अवसर पर यूनिसेफ झारखंड की अधिकारी डॉ लक्ष्मी सक्सेना, विशेषज्ञ कुमार प्रेमचंद और डॉ वंदिता ने भी अहम जानकारी दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है