पिपरवार. भाई-बहनो का त्योहार रक्षाबंधन पिपरवार कोयलांचल में हर्षोल्लास परंपरागत ढंग से मनाया गया. बहनों ने अपने भाइयों की आरती उतार कर कलाई पर राखी बांधी. बहनो ने अपने भाइयों की सुख-समृद्धि की कामना की. बदले में भाइयों ने बहनों की जीवनपर्यंत रक्षा करने का वचन दिया और उपहार दिये. छोटे बच्चों में इस त्योहार का विशेष उमंग देखा गया. रंग-बिरंगी राखियां देख बच्चे राखी बंधवाने काे आतुर दिखे. वहीं, कुंआंरी लड़कियों से लेकर विवाहित महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं. दूर रहनेवाली महिलाएं अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए एक दिन पहले ही मायके पहुंच गयी थी. रक्षाबंधन की वजह से वाहनों में महिलाओं का दिन भर आवागमन देखा गया. जानकारी के अनुसार रक्षाबंधन से जुड़े कई प्रकरण पौराणिक कथाओं में भी मिलते हैं. जैसे द्रोपदी-कृष्ण, रानी कर्णावती-हुमायूं, माता-लक्ष्मी और राजा बलि की कथाएं इस त्योहार के महत्व को काफी बढ़ा देती है. यह त्योहार पारिवारिक एकता का भी प्रतीक है. इसकी वजह से परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ भोजन करने का अवसर मिलता है.
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