रांची. राज्य में एचआइवी संक्रमण की जांच भगवान भरोसे हो रही है. राज्य के ब्लड बैंकों में काउंसेलर नहीं हैं और इसकी जांच मशीन उपलब्ध नहीं है. चाईबासा में हुई घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और सदर अस्पताल में एचआइवी जांच के लिए जरूरी नैट (न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग) मशीन की खरीदारी करने का निर्देश दिया है. यह खरीदारी एक महीने में की जानी है.
राज्य में 31 ब्लड बैंक मान्यता प्राप्त
नैट मशीन से ब्लड सैंपल की जांच से यह पता चल सकता है कि संक्रमित व्यक्ति एचआइवी पॉजिटिव है या फिर नेगेटिव. इससे एड्स पीड़ितों में एचआइवी संक्रमण की गंभीरता की मात्रात्मक जानकारी मिलती है. वहीं कम समय में खून में पनपे एचआइवी के साथ हेपेटाइटिस-बी और हेपेटाइटिस-सी जैसे संक्रमण की पहचान भी आसानी से हो जाती है. राज्य में मान्यता प्राप्त 31 ब्लड बैंक हैं, जहां रोजाना सैकड़ों लोगों को रक्त दिया जाता है. ज्यादातर अस्पतालों और ब्लड बैंकों में रक्त का नमूना लेने और इसके परीक्षण के लिए कोई प्रमाणिक व्यवस्था नहीं है. राज्य के निचले क्रम के अस्पतालों में रैपिड किट और जिला अस्पतालों में एलाइजा टेस्ट किया जाता है. वहीं रांची सदर अस्पताल में इसकी जांच कैमूलेसन्स मशीन से की जाती है. हालांकि, वह सभी ब्लड सैंपल को दोबारा जांच के लिए रिम्स के माइक्रोलॉजी विभाग के रैट मशीन में ही भेजता है.
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