वरीय संवाददाता, रांची. गुमला व्यवहार न्यायालय व कोर्ट हाजत की सुरक्षा में कई खामियां पायी गयी हैं. इसको लेकर विशेष शाखा ने गुमला के डीसी-एसपी को पत्र लिखा है. कहा है कि न्यायालय की सुरक्षा के लिए वॉच टावर नहीं है. न्यायालय परिसर में क्विक रिस्पांस टीम भी नहीं है. कोर्ट परिसर में ड्रॉप गेट व बैरिकेडस की व्यवस्था नहीं है. न्यायालय परिसर में प्रवेश के लिए तीन प्रवेश द्वार हैं. जिसमें से प्रवेश द्वार संख्या एक बंद रहता है. जबकि प्रवेश द्वार दो पर एक डीएफएमडी लगाया गया है. लेकिन यह चालू हालत में नहीं है. सभी प्रवेश द्वार पर डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) व हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर (एचएचएमडी) लगाने व जांच करने की जरूरत है. वहीं कोर्ट परिसर में कुल 107 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. इनमें से दो डोम कैमरा व एक बुलेट कैमरा काम नहीं कर रहा है. वहीं कोर्ट परिसर के बाहर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाये गये हैं. मुख्य द्वारा से प्रवेश करने वाले व्यक्तियों के बैग व सामानों की जांच के लिए बैगेज एक्स-रे स्कैनर मशीन लगाने की जरूरत है. वहीं अंडर ट्रायल की चेकिंग नहीं की जाती है. आकस्मिक स्थित में कोर्ट परिसर से बाहर जाने के लिए निकास द्वार चिह्नित नहीं किया गया है. कोर्ट परिसर में अग्निशमन दल की तैनाती भी नहीं है. आमजनों के वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. साथ ही न्यायालय परिसर में प्रतिनियुक्त पुलिसकर्मियों को एक निश्चित समय अंतराल पर सिक्यूरिटी ड्रिल नहीं कराया जाता है. उपरोक्त बिंदुओं की समीक्षा कर कार्रवाई करने की जरूरत है. न्यायालय के समीप स्थित थाना स्तर से नियमित गश्ती कराये जाने की आवश्यकता है. साथ ही आपात स्थिति में कोर्ट परिसर में फोर्स उपलब्ध कराने की जरूरत पड़ेगी.
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