नया वेडिंग ट्रेंड
रिजॉर्ट में शादी, शहर से दूर जश्न, नयी जनरेशन का नया वेडिंग स्टाइल
रांची में लक्जरी वेडिंग का नया ट्रेंड, 206 भोग, 3000 की थाली, 10 लाख की सजावट और तीन दिन तक धूमधाम से होने वाले इवेंट ने बदला शादी समारोह का रंग
रांची. राजधानी में शादी-ब्याह का मौसम दस्तक दे चुका है और इसके साथ ही बदलते दौर की लक्जरी वेडिंग का ट्रेंड और भी चमक उठा है. परंपरा और आधुनिकता के मेल ने रांची की शादियों को नया रूप दे दिया है, जहां मेहमानों की संख्या भले ही सिमट गयी हो, पर खर्च पहले से कई गुना बढ़ गया है. शहर के वेडिंग प्लानर्स और कैटरिंग सर्विस प्रदाताओं के अनुसार अब 18 से 60 लाख रुपये तक की भव्य शादियां आम बात हो गयी हैं. पहले जहां 10-12 लाख में शानदार शादी हो जाती थी, वहीं अब वैसी ही शादी के लिए 18-33 लाख रुपये लग जाते हैं. इससे भी बढ़कर, रांची में कई परिवार 50 लाख से ऊपर की डेस्टिनेशन-स्टाइल वेडिंग भी करवा रहे हैं. सबसे खास बात अब एक-दो नहीं बल्कि तीन दिनों तक चलने वाले ग्रैंड इवेंट रांची की नयी वेडिंग पहचान बन चुकी है. शादी को ग्रैंड बनाने के लिए थीम बेस्ड डेकोरेशन, थीम आधारित इवेंट, कैटरिंग, फोटोग्राफी, दूल्हा-दुल्हन की एंट्री और मेहमानों की हॉस्पिटैलिटी पर भारी खर्च किया जा रहा है.200 से कम मेहमान, लेकिन खर्च दोगुना
वेडिंग प्लानर्स के अनुसार पहले जहां शादियों में 1000-1500 मेहमान शामिल होते थे, अब मेहमानों की संख्या घटकर 200 से 300 तक रह गयी है. बावजूद इसके कुल खर्च कम होने के बजाय बढ़ गया है. इसका कारण हैं थीम-बेस्ड सजावट, लक्जरी कैटरिंग, दूल्हा-दुल्हन की विशेष इंट्री, एंटरटेनमेंट जोन और लाइव इवेंट, मेहमानों की रॉयल हॉस्पिटैलिटी लोग कम मेहमानों के साथ ज्यादा प्रीमियम, यादगार और व्यक्तिगत वेडिंग अनुभव तैयार कर रहे हैं.206 भोग, कैटरिंग ने बनाया नया रिकॉर्ड
रांची की शादियों में अब खाने का अध्याय ही सबसे बड़ा आकर्षण बन गया है. पहले 56 भोग का चलन था, अब कैटरिंग में 206 भोग परोसे जा रहे हैं. इसमें शामिल हैं इंडियन, चाइनीज, ओरिएंटल, कॉन्टिनेंटल व्यंजन, लाइव पिज्जा, पास्ता और ओरिएंटल काउंटर, राजस्थानी घेवर, मथुरा का केशरिया दूध, कश्मीरी काहवा, बुंदेलखंडी, भोजपुरी से लेकर बंगाली स्पेशल थालियां, शुगर-फ्री और गुड़ की मिठाइयां, लाइव कुल्हड़ चाय बार, कॉफी बार. एक शादी में प्रति प्लेट कीमत 2500 से 3000 रुपये तक पहुंच गयी है. यानी सिर्फ 200 मेहमानों के लिए कैटरिंग खर्च पांच से छह लाख रुपये से कम नहीं.शादी पार्टी, खर्च-पहले और अब
मदपहलेअबथीम बेस्ड डेकोरेशन 2-3 लाख 8-10 लाखहल्दी, संगीत, वेडिंग इवेंट 10-12 लाख 18-55 लाख
कैटरिंग 1000 प्रति प्लेट 2000-2500 प्रति प्लेटहॉस्पिटैलिटी 2-2.5 लाख प्रति व्यक्ति
——————————हल्दी में पूल पार्टी, संगीत में कार्निवल
अब शादियों में एक नहीं, बल्कि तीन दिनों तक ग्रैंड इवेंट किये जा रहे हैं. हल्दी की रस्म से लेकर संगीत और वेडिंग तक हर कार्यक्रम अलग थीम पर आधारित है. हल्दी में पूल पार्टी और संगीत में कार्निवल आयोजित हो रहा है. इसमें मेहमानों के लिए चूड़ियां, पोटली, ब्यूटी प्रोडक्ट और गिफ्ट हैंपर के स्टॉल लगाये जा रहे हैं.दूल्हा-दुल्हन की एंट्री सबसे आकर्षक
दुल्हन की मिरर एंट्री, दूल्हे की एंट्री महंगी ओपन विंटेज कार से हो रही है. वेडिंग में दूल्हा-दुल्हन की एंट्री को सबसे खास बनाया जा रहा है. दुल्हन की मिरर एंट्री करायी जा रही है, जिसमें वह शीशे पर चलती हैं और एक साथ उनके कई स्वरूप दिखायी देते हैं. इसकी फोटोग्राफी भी अनोखी होती है. दूल्हे की एंट्री विंटेज यानी महंगी ओपन कार से करायी जा रही है, जो राजस्थानी स्टाइल में सजी होती है. एंट्री के दौरान लाखों रुपये की बैक स्काई शॉट आतिशबाजी की जाती है, जिसमें लाखों के पटाखे छोड़े जा रहे हैं.नयी परंपरा. वरमाला के बाद गंगा आरती
रांची की शादियों में एक नया और बेहद अनूठा ट्रेंड देखने को मिल रहा है. वरमाला के बाद गंगा आरती. इसका आयोजन बनारस से बुलाये गये पंडितों की टीम द्वारा किया जा रहा है. दूल्हा-दुल्हन के साथ मेहमान भी इस दिव्य वातावरण का हिस्सा बनते हैं. यह ट्रेंड शहर की शादियों का विशिष्ट आकर्षण बन गया है.डेकोरेशन में अब 8 से 10 लाख खर्च
थीम-बेस्ड डेकोरेशन ने रांची के वेडिंग मार्केट को पूरी तरह बदल दिया है. पहले दो-तीन लाख में अच्छा डेकोरेशन हो जाता था, अब उसी स्तर के लिए 8-10 लाख रुपये लगते हैं. प्रचलित थीम गोल्डन व्हाइट रॉयल थीम, पिकॉक ब्लू थीम, रेड-गोल्डन थीम, व्हाइट-पीच थीम, लहरिया थीम, संगीत के लिए ब्लैक-गोल्ड थीम, साथ ही किड्स जोन, फन जोन, गेम जोन, कपल फोटो गैलरी. अब हर शादी की अनिवार्य जरूरत बन चुकी है.
रिजॉर्ट वेडिंग, शहर की भीड़ से दूर शाही जश्न
रांची और आसपास के खूबसूरत रिसॉर्ट अब वेडिंग डेस्टिनेशन बन गये हैं. लोग शहर की भीड़ से दूर पहाड़ियों, जंगलों या प्राकृतिक दृश्यों के बीच शादी करना पसंद कर रहे हैं.इससे वेडिंग का पूरा माहौल और भी रॉयल हो जाता है.
बाहर से आने वाले मेहमानों के लिए हॉस्पिटैलिटी
रॉयल शादियों में मेहमानों को रॉयल फील कराया जा रहा है. बाहर से आने वाले मेहमानों की टिकटिंग से लेकर विदाई के बाद होटल से उनके चेक-आउट तक पूरी हॉस्पिटैलिटी सेवा उपलब्ध करायी जा रही है. उनके लिए पर्सनल असिस्टेंट उपलब्ध कराया जा रहा है. एक पूरी टीम उनके स्वागत और सेवा में लगी रहती है. एक मेहमान पर लगभग दो से ढाई लाख रुपये तक खर्च किया जा रहा है. अब मेहमानों के लिए यह वाकई ‘मौजा ही मौजा’ है.
———————–क्या कहते हैं इवेंट प्लानर
रांची में अब शादियों का ट्रेंड बदल रहा है. लोग लक्जरी शादियों की डिमांड कर रहे हैं. छोटी लेकिन भव्य शादियों पर जोर बढ़ा है. पहले जहां शादियां 10-12 लाख रुपये में हो जाती थीं, अब कम से कम 18-22 लाख रुपये तक खर्च हो रहा है. बाहर से आने वाले मेहमानों की हॉस्पिटैलिटी का नया ट्रेंड भी समारोह में जुड़ गया है, जिसके लिए अलग टीम रखी जाती है.निखिल मोदी, इवेंट प्लानर
——————अब लोग छोटी लेकिन लक्जरी शादियों को पसंद कर रहे हैं. तीन दिनों तक अलग-अलग ग्रैंड इवेंट चलते हैं. थीम डेकोरेशन, इवेंट, दूल्हा-दुल्हन की एंट्री, बैक स्काई शॉट जैसे आयोजनों के कारण शादी का खर्च बढ़ रहा है. रांची में लोग 60 लाख रुपये तक की ग्रैंड शादी आयोजित कर रहे हैं.
कुमार आर्यन श्रीवास्तव, इवेंट प्लानर————————–
नवंबर और दिसंबर में लग्न की बुकिंग अच्छी चल रही है. लग्न की तिथियां कम होने के कारण काम का दबाव बढ़ जाता है. कैटरिंग, डेकोरेशन, बैंड आदि के लिए यह बेहद व्यस्त समय है. शादी की तारीख तय होते ही लोग वेडिंग प्लानर से संपर्क कर रहे हैं, जिससे काम को बेहतर ढंग से करने में काफी मदद मिलती है.राहुल कुमार कश्यप, झारखंड कैटरर्स एसोसिएशन
—————————-शादी-ब्याह में फ्लावर डेकोरेशन की अधिक मांग रहती है, जो लोगों को आकर्षित करती है. बजट के अनुसार आर्टिफिशियल फ्लावर डेकोरेशन की मांग इस सीजन में ज्यादा है. लग्न को लेकर बुकिंग बढ़ने से काम काफी बढ़ गया है. इसलिए बंगाल सहित अन्य राज्यों से कारीगरों को बुलाया जा रहा है.
रत्नजीत कुमार, फ्लावर डेकोरेटर————————-
दूल्हा-दुल्हन ने बताये यादगार शादी समारोह के अनुभव
हमारी ग्रैंड शादी हुई. हमने रांची से दूर वादियों में शादी की. तीन दिनों तक ग्रैंड सेलिब्रेशन चलता रहा. हल्दी, संगीत और शादी सब देखने लायक रहा.
निधि भट्टर और अभिषेक भट्टर, बीआइटी——————————
हमने रॉयल शादी की. रांची से दूर होटल में शादी का आयोजन किया. तीन दिनों तक भव्य कार्यक्रम हुए. शादी का हर पल बेहद शानदार रहा.प्रेरणा वरिष्ठ और श्रेष्ठ
———————–इस वर्ष 17 नवंबर से छह दिसंबर तक लग्न
शादी-ब्याह का सीजन शुरू हो गया है. शहर में बैंड-बाजे से लेकर आकर्षक विद्युत सज्जा तक सभी कार्यों में तेजी आ गयी है. कैटरिंग, बैंड-बाजा, लाइटिंग, होटल और फोटोग्राफी की मांग बढ़ गयी है. वाराणसी पंचांग के अनुसार लग्न 17 नवंबर से शुरू हो गया है, जो 30 नवंबर तक विभिन्न शुभ तिथियों में रहेगा. दिसंबर में छह दिसंबर तक ही लग्न है. 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो जायेगा. वहीं, मिथिला पंचांग के अनुसार 20 नवंबर से लग्न की शुरुआत है, जो छह दिसंबर तक चलेगा.80 प्रतिशत बैंक्वेट हॉल बुक :
राजधानी में 100 से अधिक बैंक्वेट हॉल हैं. बुकिंग शादी के सीजन से चार-पांच महीने पहले ही शुरू हो जाती है. नवंबर-दिसंबर के लग्न के लिए अप्रैल-मई से ही बुकिंग शुरू हो गयी थी. वर्तमान में अधिकांश बैंक्वेट हॉल नवंबर और दिसंबर के लग्न के लिए बुक हो चुके हैं. लगभग 70-80 प्रतिशत बैंक्वेट हॉल बुक हो चुके हैं.फ्लावर डेकोरेशन का ट्रेंड :
शादी में फ्लावर डेकोरेशन का विशेष महत्व है और वर्तमान में मांग है. लाइट, टेंट और फ्लावर सजावट का न्यूनतम बजट पांच लाख रुपये से शुरू हो रहा है. लग्न की बुकिंग सितंबर-अक्तूबर से ही शुरू हो जाती है. ग्राहक बजट के अनुसार आर्टिफिशियल फ्लावर डेकोरेशन को अधिक पसंद कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

