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Ranchi news : जेपीएससी जेट के मामले में जवाब दायर करने के लिए सरकार को मिला समय

किसी अभ्यर्थी को नौकरी पाने या नियुक्त होने से रोक सकते हैं, पर उसे पात्रता प्राप्त करने से नहीं: हाइकोर्ट

किसी अभ्यर्थी को नौकरी पाने या नियुक्त होने से रोक सकते हैं, पर उसे पात्रता प्राप्त करने से नहीं: हाइकोर्ट

रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने जेपीएससी जेट में लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस विषय को बाहर रखने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता का पक्ष सुना. अदालत ने सरकार से माैखिक रूप से कहा कि आप किसी अभ्यर्थी को नौकरी पाने या नियुक्त होने से रोक सकते हैं, पर उसे पात्रता प्राप्त करने से नहीं रोक सकते हैं. अदालत ने महाधिवक्ता राजीव रंजन से पूछा कि क्या लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस में स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री रखनेवाला अभ्यर्थी बिना नेट या जेट पास किये सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष बन सकता है और क्या राज्य में ऐसे स्वीकृत पद वास्तव में मौजूद हैं? अदालत ने सरकार को जवाब दायर करने के लिए समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 29 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अतुल्य श्रेष्ठ ने पैरवी की, जबकि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल व अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा. वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि वह दोनों बिंदुओं स्वीकृत पदों की स्थिति और पात्रता मानदंड की जांच कर जवाब प्रस्तुत करेंगे. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राजेश कुमार ने याचिका दायर की है. पिछली सुनवाई में अदालत ने सरकार से पूछा था कि जेपीएससी जेट की परीक्षा में लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस को क्यों बाहर रखा गया है.

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