रांची. राज्य सरकार के विभाग राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाये. छह महत्वपूर्ण राजस्व वसूली से जुड़े विभागों का प्रदर्शन पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में संतोषप्रद नहीं रहा. उत्पाद विभाग को छोड़ दें, तो किसी विभाग ने राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा नहीं किया. उत्पाद यानी शराब से सरकार ने 27 सौ करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा था. इसके विरुद्ध विभाग ने 2708 करोड़ रुपये टैक्स वसूला है.
भू-राजस्व विभाग 32 प्रतिशत ही वसूली कर सका
वहीं, भू-राजस्व विभाग के खाते में सबसे कम राजस्व आया है. विभाग को 17 सौ करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, इसके विरुद्ध विभाग महज 544 करोड़ (32 प्रतिशत) ही वसूल सका. वहीं, निबंधन विभाग ने 1250 करोड़ का राजस्व संग्रहण किया, जबकि विभाग को 1430 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था. परिवहन विभाग ने 2350 करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध 1904 करोड़ का टैक्स वसूला है. वहीं, केंद्रीय कर में हिस्सेदारी से झारखंड को 42557 करोड़ रुपये मिले हैं. केंद्रीय ग्रांट में झारखंड को 53 प्रतिशत राशि मिली है. केंद्रीय ग्रांट से 16961 करोड़ मिलने का अनुमान था. इसके एवज में 9063 करोड़ मिले हैं.
माइंस से झारखंड को 11992 करोड़ आये
माइंस से राजस्व संग्रहण बढ़ाने को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए राज्य सरकार ओडिशा का मॉडल अपनाना चाहती है. वित्त विभाग की टीम इसको लेकर ओडिशा भी गयी थी. वित्तीय वर्ष 2024-25 में खान विभाग ने 15500 करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा था. विभाग 77 प्रतिशत राजस्व संग्रहण कर पाया. माइंस विभाग ने 11992 करोड़ वसूले.
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