रांची. पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए मनाया जानेवाला वट सावित्री व्रत सोमवार को पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ. शहर में विभिन्न स्थानों पर सुहागिनों ने शुभ मुहूर्त में वट वृक्ष की पूजा की और व्रत का पालन करते हुए कथा श्रवण किया. नवविवाहित जोड़ों में विशेष उत्साह दिखा. इससे पहले सुबह से ही सुहागिन महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर वट वृक्ष के समीप पहुंचीं. विधिवत पूजा कर व्रत कथा सुनी और एक-दूसरे को मांग में सिंदूर लगाकर सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लिया. पूजा के दौरान महिलाओं के चेहरों पर आस्था और विश्वास की चमक स्पष्ट दिख रही थी.
नवविवाहिताओं ने कहा
डॉ रानी झा का पहला वट सावित्री व्रत था. उन्होंने कहा कि हमारी शादी दिसंबर माह में हुई है. यह पहला वट सावित्री पर्व है. पति ऋषभ झा पुणे और वह खुद कोलकाता में कार्यरत हैं. डॉ रानी ने कहा कि इस खास अवसर के लिए हमदोनों हरमू स्थिति घर आये हैं. श्रद्धा और उत्साह के साथ इस परंपरा को निभाया, जो हमारे लिए अविस्मरणीय अनुभव है. सुंदरम और पल्लवी पांडेय ने बताया 18 अप्रैल को हमारी शादी हुई. सास के साथ व्रत करने का सौभाग्य मिला. उन्होंने हमें व्रत की विधि और महत्व बताया. परिवार संग वट वृक्ष की पूजा कर एक विशेष ऊर्जा महसूस हुई. पूजा कुमारी पाठक ने कहा यह मेरा पहला व्रत है. पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत करना मेरे लिए गर्व और श्रद्धा का विषय है. अब इस पर्व को और भी नजदीक से जानने का अवसर मिला.ये वर्षों से कर रही हैं व्रत
बीना पांडेय 48 वर्षों से व्रत कर रही हैं. उन्होंने कहा कि अब मेरी बहू और बेटी भी इस व्रत में मेरे साथ सम्मिलित होती हैं. इस वर्ष बहू के साथ व्रत करना मेरे लिए विशेष सौभाग्य की बात है. कंचन देवी पिछले 10 वर्षों से वट सावित्री का व्रत कर रही हैं. उन्होंने कहा : पति सेना में हैं. उनकी सलामती के लिए मैं यह व्रत करती हूं. इससे मुझे आत्मबल मिलता है. गायत्री देवी का यह चौथा व्रत है. उन्होंने कहा कि यह व्रत मेरे लिए बहुत खास है. सुबह से ही इसकी तैयारी में लगी रही और शुभ मुहूर्त में विधिवत पूजा संपन्न की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है