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केंद्रीय विद्यालय संगठन के आयुक्त का एमओयू पर नहीं हुआ हस्ताक्षर

डकरा में 20 साल बाद पुनः केंद्रीय विद्यालय खोलने को लेकर भारत सरकार के रक्षा राज्य मंत्री की व्यक्तिगत इच्छा के बावजूद इसे क्रियान्वित करनेवाले अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं.

प्रतिनिधि, डकरा.

डकरा में 20 साल बाद पुनः केंद्रीय विद्यालय खोलने को लेकर भारत सरकार के रक्षा राज्य मंत्री की व्यक्तिगत इच्छा के बावजूद इसे क्रियान्वित करनेवाले अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं. सीसीएल प्रबंधन और केंद्रीय विद्यालय संगठन के साथ एमओयू पर केंद्रीय विद्यालय संगठन के आयुक्त ने हस्ताक्षर नहीं किया है. गौरतलब हो कि अप्रैल 2025 में ही विद्यालय खोलने की बात कही जा रही थी. सूचना के अनुसार फाइल एक अगस्त को संगठन के आयुक्त का कार्यालय पहुंचा है, बहुत जल्द हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. इधर सीसीएल में बिल्डिंग का काम के लिए छह से सात महीने का समय लग सकता है. बिल्डिंग में तोड़फोड़ के बीच बेंच-डेस्क सहित अन्य फर्नीचर की खरीद की प्रक्रिया भी लंबित है. संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री, कोल इंडिया चेयरमैन और सीसीएल सीएमडी आम लोगों को जवाब देना पड़ रहा है.

कुछ सवाल से हो सकती है परेशानी :

स्कूल खुलने के लिए जिन शिक्षकों की यहां पोस्टिंग होगी वे कहां रहेंगे? प्राचार्य का आवास पर कब्जा है. सुरक्षा के क्या प्रबंध किए जायेंगे? इस मामले को लेकर मुख्यालय से एरिया का कोई समन्वय नहीं बना है. श्रमिक संगठनों के साथ चर्चा नहीं हुई है. उक्त समस्याओं से स्पष्ट है कि चालू शैक्षणिक सत्र में विद्यालय नहीं खुलेगा. लेकिन 2026-27 में भी खुले यह सुनिश्चित नहीं है.

बकाया का हुआ भुगतान :

सूत्रों ने बताया कि 20 वर्ष पूर्व बंद होने के पहले डकरा विद्यालय का जो बकाया राशि लगभग 80 लाख था, वह केंद्रीय विद्यालय संगठन को जमा करा दिया गया है. इसलिए उम्मीद की जा रही है कि जल्द एमओयू पर हस्ताक्षर हो जायेगा.

एनके एरिया का हो नोडल अफसर :

एनके एरिया के किसी अधिकारी को नोडल अफसर बनाने पर जवाबदेही के साथ काम में तेजी आ सकती है. मुख्यालय के अधिकारी को समय पर क्षेत्र की स्थिति की जानकारी मिल पायेगी. मामले की जानकारी 13 जून को कुछ स्थानीय लोगों ने मंत्री को भी दी थी.

सलाहकार समिति की बैठक में उठा मामला :

सीसीएल सलाहकार समिति सदस्य राजेश सिंह ने पांच अगस्त को समिति की बैठक में मामले काे उठाया. लेकिन उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिला. उन्होंने चार अगस्त को प्रभात खबर में छपी खबर का भी जिक्र किया.

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Prabhat Khabar News Desk
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