मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने 11वीं से 13वीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा (विज्ञापन-01/2024) की मुख्य परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी व प्रतिवादियों के आग्रह को स्वीकार करते हुए समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 10 नवंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से बताया गया कि वरीय अधिवक्ता पक्ष रखेंगे, जबकि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की ओर से बताया गया कि महाधिवक्ता राजीव रंजन पैरवी करेंगे. उनकी ओर से समय देने का आग्रह किया गया. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष, अधिवक्ता राजेश कुमार ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राजेश प्रसाद एवं 50 अन्य की ओर से अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गयी है. एकल पीठ ने रिट याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद जेपीएससी ने विभिन्न सिविल सेवाओं के लिए 342 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा राज्य सरकार से की है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने प्रतिवादियों से पूछा था कि सिविल सेवा मुख्य परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन जेपीएससी नियमावली के अनुसार हुआ है या नहीं. यदि नहीं हुआ है, तो ऐसा क्यों है. इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार व जेपीएससी को जवाब दायर करने का निर्देश दिया था. प्रतिवादियों की ओर से जवाब दायर किया जा चुका है. प्रार्थियों ने भी अपना प्रतिउत्तर दायर किया है.
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