रांची. रांची के बिरसा चौक में नये रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण शुरू हो गया है. इसकी लंबाई एप्रोच रोड मिलाकर लगभग 80 मीटर होगी. वर्तमान में ब्रिज के नीचे दो लाइन (अप-डाउन) है. रेलवे की योजना दो संटिंग लाइन के अलावा वर्तमान ट्रैक के दोनों तरफ एक-एक और लाइन बनाने की है. इसके बाद आरओबी के नीचे कुल छह ट्रैक हो जायेगा. यह योजना अगले 40 वर्षों के रेल परिचालन को देखते हुए बनायी जा रही है. इसके निर्माण पर करीब 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे. आरओबी का निर्माण कार्य जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
ट्रेनों के परिचालन में होती है परेशानी
रांची से हटिया की तरफ आने वाली ट्रेनों के लिए दो मेन लाइन है. मेन लाइन पर ट्रेनों की संख्या अधिक होने से अक्सर ट्रेन या मालगाड़ी आधा घंटा तक खड़ी रह जाती है. इससे ट्रेनों के परिचालन में परेशानी होती है. इसलिए बिरसा चौक ब्रिज के नीचे से दो अतिरिक्त संटिंग लाइन बिछायी जायेगी, जिसे यार्ड लाइन से जोड़ दिया जायेगा. ऐसे में यार्ड की तरफ जाने वाली ट्रेनों को परेशानी नहीं होगी.
हटाया गया है अतिक्रमण
नया ब्रिज बनाने के लिए रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाया गया है. वहीं, अब रेलवे की जमीन की घेराबंदी की जा रही है. इधर, पहाड़ तोड़ने के लिए बड़ी-बड़ी मशीन भी लगायी गयी है. अधिकारी ने बताया कि हार्ड रॉक के कारण ब्लास्टिंग किया जाता है. कार्य काफी तेजी से चल रहा है.
ब्रिज छोटा होने से लगता है जाम
नये ब्रिज की लंबाई और चौड़ाई बढ़ने से जाम से निजात मिलेगी. वर्तमान ब्रिज के छोटा होने से जाम लगता है. बिरसा चौक से विधानसभा, हाइकोर्ट व प्रोजेक्ट भवन के अलावा बाइपास, डीबडीह की तरफ जाने वाले वाहन इसी ब्रिज से होकर गुजरते हैं. इसलिए परेशानी का सामना करना पड़ता है.
आठ वर्ष पहले भी बना है ब्रिज
आठ साल पहले भी रेलवे ने एक नया ब्रिज बनाया था. इस ब्रिज के बनने के बाद आवागमन थोड़ा सुगम हुआ है, लेकिन पुराना ब्रिज के संकीर्ण रहने से वहां जाम अभी भी लगता है. पुराना ब्रिज को तोड़ कर नया ब्रिज बनाने के दौरान आठ साल पहले बने ब्रिज से आवागमन होगा. इससे लोगों को कुछ दिन परेशानी होगी.
क्या कहते हैं डीआरएम
बिरसा चौक आरओबी का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है. इसे जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. कुल चार ट्रैक बनने हैं. इसमें वर्तमान ट्रैक के दोनों साइड में एक-एक लाइन के अलावा दो संटिंग लाइन भी बनेगी. आरओबी व अतिरिक्त लाइन बनने से ट्रेनों के परिचालन में सुगमता आयेगी.
जसमीत सिंह ब्रिंदा, डीआरएमB
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