रांची. उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की छात्रा अनन्या पाल ने इंटर आर्ट्स की परीक्षा में 463 अंक यानी 92.60 % हासिल किये हैं. माता सुनीता पाल और पिता नवीन पाल लेक रोड में घर के बाहर ही टेबल लगा कर पकौड़ी आदि बनाकर बेचते हैं. अनन्या ने बताया कि घर में आर्थिक समस्या थी, लेकिन माता-पिता ने कभी अहसास नहीं कराया. घरवालों से पूरा सहयोग मिला. शिक्षकों से भी मदद मिली. उन्होंने बताया कि क्लास में पूरा ध्यान देती थी. साथ ही हर दिन तीन-चार घंटे सेल्फ स्टडी पर ध्यान देती थी. कॉपी साफ-सुथरा लिखने का प्रयास करती थी. हर दिन तीन-चार पेज लिखकर राइटिंग प्रैक्टिस की. साथ ही पिछले पांच वर्षों के सवालों का हल किये. अब आगे बिजनेस करना चाहती हूं.
रिवीजन, टाइम मैनेजमेंट और क्लासरूम की पढ़ाई सफलता की कुंजी
उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की आयुषी कुमारी ने 460 यानी 92 प्रतिशत अंक हासिल किया है. पिता मधुसूदन राम सरकारी नौकरी करते हैं और मां सपना देवी गृहिणी हैं. आयुषी ने बताया कि बोर्ड परीक्षा की तैयारी 12वीं की शुुरुआत से शुरू कर दी थी. धीरे-धीरे रिवीजन करती रही. पिछले कुछ वर्षों के सवालों को हल किया. इस दौरान शिक्षकों का पूरा सपोर्ट मिला. टाइम मैनेजमेंट पर फोकस किया. जिस विषय में कमजोर थी उस पर ज्यादा फोकस्ड रही. प्रतिदिन तीन-चार घंटा सेल्फ स्टडी करती थी. इतिहास पसंदीदा विषय है. आगे का लक्ष्य सिविल सर्विस है.रोजाना एक घंटे की यात्रा, फिर भी पढ़ाई में नहीं आयी रुकावट
उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की छात्रा तन्नू कुमारी को 92 प्रतिशत अंक मिले हैं. पिता दीपक कुमार साव की पंडरा में राशन दुकान है और मां रीता कुमारी गृहिणी हैं. तन्नू ने कॉलेज की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया. रोजाना लगभग एक घंटे की यात्रा कर स्कूल आती थी. घरवालों से पूरा सहयोग मिला. शिक्षकों का पूरा सहयोग मिला. कई बार पढ़ाई करने पर भूल जाती थी, जिसके बाद लगातार रिवीजन करने पर ध्यान दी. लिखकर प्रैक्टिस करती थी. पिछले पांच वर्षों के सवालों को हल किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है