राजस्थान के कोटा में आत्महत्या का एक और मामला सामने आया है. खबर यह है कि 16 वर्षीय छात्रा ने खुदकुशी कर ली है. नीट की तैयारी कर रही रांची की छात्रा ऋचा सिन्हा (16) ने अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना मंगलवार रात करीब 10:30 बजे की है. छात्रा विज्ञान नगर थाना क्षेत्र के इलेक्ट्रॉनिक कांप्लेक्स स्थित हॉस्टल में रहती थी. छात्रा के आधार कार्ड के अनुसार, उसके पिता का नमा रवींद्र सिन्हा है. उसका परिवार रांची के नामकुम थाना क्षेत्र के महुआ टोली में रहता है. घटना की सूचना मिलते ही परिवार के लोग कोटा चले गये हैं. हालांकि, अभी स्थानीय थाना की पुलिस को इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है. फिलहाल, कोटा शहर के विज्ञान नगर पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
कमरे में फंदे से लटक कर दे दी अपनी जान
कोटा के विज्ञान नगर थाने की पुलिस के अनुसार, छात्रा मंगलवार देर रात अपने छात्रावास के कमरे में फंदे से लटकी मिली थी. घटना की जानकारी मिलने के बाद हॉस्टल में रहनेवाले लोगों ने उसे फंदे से नीचे उतारा और पास के एक अस्पताल में ले गये, जहां डॉक्टरों ने छात्रा को मृत घोषित कर दिया. शव को पोस्टमार्टम के लिए एमबीएस अस्पताल भेजा गया है. दारोगा अमर चंद ने बताया कि छात्रा के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है. वहीं, छात्रावास की वार्डन अर्चना राजावत ने कहा कि छात्रा ने कल रात अस्वस्थ होने की शिकायत की और उसे दवाएं दी गयी थीं. उन्होंने कहा, ‘इससे पहले उसमें तनाव के कोई लक्षण नहीं थे. वह अपने दोस्तों के साथ अच्छी तरह घुलमिल कर रह रही थी. समय पर खाना भी खाती थी.’ पुलिस के अनुसार, ऋचा 11वीं की छात्रा थी. वह इसी वर्ष की शुरुआत में तैयारी के लिए कोटा गयी आयी थी. इसके बाद उसने एक कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया था.
कोटा में आत्महत्या का यह 24वां मामला
कोटा से मिल रही खबरों के मुताबिक ऋचा की आत्महत्या इस वर्ष की 24वीं घटना है. इससे पहले 23 बच्चे अपनी जान दे चुके हैं. इनमें 19 लड़के और पांच लड़कियां हैं. हालात इतने भयावह हैं कि सिर्फ डेढ़ माह में ही छह बच्चों ने आत्महत्या कर ली. पिछले साल आत्महत्या की 15 घटनाएं हुई थीं. इस साल जिला प्रशासन के हेल्पलाइन में 1500 से अधिक बच्चों ने शिकायत की कि वे डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं. कोटा में पूरे देश भर से बच्चे अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पहुंचते हैं. कई बच्चे सफल होते हैं. जबकि, कई सफल नहीं भी हो पाते.
तनाव में आकर आत्महत्या कर लेते हैं बच्चे
कोटा, हायर स्टडीज यानी उच्च शिक्षा की कोचिंग के लिए मशहूर है. देश के कोने-कोने से बच्चे यहां मेडिकल-इंजीनियरिंग समेत तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं. यहां परीक्षा की तैयारी करने आने वाले बच्चों में हर साल कई बच्चे आत्महत्या कर लेते हैं. तनाव में आकर अपनी जिंदगी खत्म कर लेते हैं. इस साल अब तक दो दर्जन बच्चे अपनी जान दे चुके हैं. थोड़ी-सी समझदारी दिखाएं, तो बच्चों की परेशानी दूर हो जाएगी. उनका बहुमूल्य जीवन बच जाएगा. ऐसे कई लोगों के उदाहरण हमारे पास मौजूद हैं, जिन्होंने 14416 पर मदद मांगी और उन्हें मदद मिली.
कोचिंग संस्थानों के खिलाफ करेंगे सख्त कार्रवाई
कोटा में एक और बच्ची की आत्महत्या पर राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, "हम कोचिंग संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई . वे सिर्फ पैसा इकट्ठे नहीं कर सकते... कोचिंग संस्थानों को बच्चों की काउंसलिंग, मनोरंजन, फिल्म आदि चीजें भी करनी होगी. आप कुछ साधन भी निकालेंगे या हमेशा फीस ही बढ़ाते रहेंगे? मैं अभिभावकों से भी कहुंगा कि अपने सपने बच्चों पर ना डालें। बच्चों को अपना दोस्त बनाएं... हम आत्महत्या रोकने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे.
दो दिनों से छात्रा की तबीयत भी नहीं थी ठीक
घटना के दौरान मृत छात्रा के साथ रहनेवाली दूसरी छात्रा बालकनी में जाकर अपने पिता से फोन पर बात कर रही थी. इसी दौरान ऋचा बालकनी का दरवाजा बंद कर फंदे से लटक गयी. तब वह छात्रा चीखने-चिल्लाने लगी. इसके बाद हॉस्टल के स्टाफ सहित दूसरे लोग वहां पहुंचे. हाॅस्टल के लोगों के अनुसार, हॉस्टल के वार्डन ने करीब एक माह पूर्व छात्रा के पिता से बात की थी. तब उनसे अपनी बेटी से आकर मिलने को कहा गया था. इस पर उन्होंने कुछ दिनों में आने को कहा था, लेकिन वह नहीं आये. इधर, दो दिनों से छात्रा की तबीयत भी ठीक नहीं थी.