रांची.
झारखंड में छोटे, सीमांत और महिला किसानों की सिंचाई समस्याओं पर केंद्रित राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को विश्वा सभागार में किया गया. कार्यशाला का विषय सिंचाई से समृद्धि था. कार्यशाला में लगभग 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. वीबी नेट फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में पद्मश्री चामी मुर्मू ने कहा कि बड़े-बड़े डैम के स्थान पर छोटी-छोटी सिंचाई परियोजना बनायी जानी चाहिए. वहीं, वर्षा जल रोकने की पहल होनी चाहिए. इसका काफी लाभ मिलेगा.किसानों को टपक सिंचाई जैसी दक्ष तकनीक अपनानी चाहिए
इस मौके पर आइसीएआर प्लांडू के पूर्व प्रधान डॉ शिवेंद्र कुमार ने कहा कि सिंचाई के लिए कम से कम पानी का उपयोग आज की जरूरत बन गयी है. उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को टपक सिंचाई जैसी दक्ष तकनीकों को अपनाना चाहिए. ताकि, जल संरक्षण सुनिश्चित हो सके. वहीं, पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख ने कहा कि पुश्तैनी जमीन पर बेटी और बहनों को भी हिस्सा मिलना चाहिए. इसके अलावा युवा संस्था की बर्नाली चक्रवर्ती ने कहा कि महिलाएं जल प्रबंधन के मुद्दे पर संगठित होकर पंचायतों और विभागों तक अपनी आवाज पहुंचायें. कार्यशाला का संचालन मुनमुन डे ने किया. इस मौके पर फिल्मकार मेघनाथ ने भी अपने विचार व्यक्त किये. इस मौके पर बलराम, प्रेम शंकर, नीरज कुमार सिंह, रोहित कुमार आदि लोग मौजूद थे.
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