बिपिन सिंह, रांची. स्वास्थ्य विभाग ने सिकल सेल एनीमिया की दवा हाइड्रोक्सीयूरिया को राज्य के सभी छोटे अस्पतालों में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. सिकल सेल के मरीजों को नियमित रूप से खून चढ़ाने की आवश्यकता को कम करने के लिए विभाग इस दवा के जरिये वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहता है. साथ ही इस दवा से मरीजों को दर्द से भी रहात मिलेगी. विभाग के निर्देश के बाद आयुष्मान आरोग्य मंदिर-सब हेल्थ सेंटर तक यह दवा हर समय उपलब्ध करायी जायेगी. ज्ञात हो कि यह बीमारी खास कर कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) परिवारों पर आर्थिक बोझ डालती है. स्वास्थ्य एवं कल्याण परिवार मंत्रालय, नयी दिल्ली ने एनएचएम, झारखंड को पत्र लिखकर दवा की सप्लाई बढ़ाने को कहा है. पिछले साल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने इस दवा को आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया था.
नियमित रूप से ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता में आयेगी कमी
सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित मरीजों को जीवित रहने के लिए नियमित रूप से ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता होती है. लेकिन, कई बार ब्लड बैंक में खून उपलब्ध नहीं रहने से समस्या बढ़ जाती है. हाइड्रोक्सीयूरिया दवा के इस्तेमाल के बाद मरीज को नियमित ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होगी.
क्या है सिकल सेल एनीमिया
सिकल सेल एनीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जो असामान्य लाल रक्त कोशिकाओं के कारण बनता है. इसमें कोशिकाएं समय से पहले मर जाती हैं. इस कारण स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की कमी (सिकल सेल एनीमिया) और रक्त प्रवाह में रुकावट होती है. इससे बीमार मरीजों को असहनीय दर्द होता है.
वर्तमान में कुछ अस्पतालों में ही उपलब्ध है दवा
वर्तमान में हाइड्रोक्सीयूरिया दवा कुछ अस्पतालों में ही उपलब्ध हो पा रही है. सिमडेगा में जांच के क्रम में एनएचएम के एमडी अबु इमरान को सेंटर पर दवा नहीं मिली थी. रांची सदर अस्पताल में भी इस दवा की अनुपलब्धता कई बार सामने आ चुकी है. एएएम-एसएचसी स्तर तक इस की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए डीवीडीएमएस सेंट्रल डैशबोर्ड पोर्टल पर नियमित रूप से जानकारी देनी होगी. इसके साथ ही ई-औषधि सिस्टम के माध्यम से निचले क्रम के अस्पतालों-एसएचसी स्तर तक इस दवा की उपलब्धता और खपत की स्थिति की नियमित निगरानी होगी.
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