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Ranchi News : परिवार को टूटने से बचायें, समझदारी व धैर्य से लें काम : भारती वी काैशल

प्रभात खबर की ऑनलाइन लीगल काउंसेलिंग में हाइकोर्ट की अधिवक्ता भारती वी काैशल ने दी सलाह. लोगों ने जमीन, पारिवारिक व आपराधिक मामलों से संबंधित सवाल पूछे.

रांची. शादीशुदा युवक-युवतियों के बीच किसी बात को लेकर विवाद होता है, तो मामला कोर्ट तक पहुंच जा रहा है. पांच-छह वर्षों में पारिवारिक मामले बढ़े हैं. यह एक बहुत बड़ी समस्या बन गयी है. पति-पत्नी को समझना होगा कि शादी-विवाह जैसी सामाजिक एवं पारिवारिक जिम्मेवारी को बहुत संयम व समझ-बूझ के साथ निभाना होता है. आजकल विवाद का सबसे प्रमुख कारण न्यूक्लियर फैमिली (एकल परिवार) है. इसके लिए कपल काउंसेलिंग की व्यवस्था होनी चाहिए. परिवार को टूटने से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए. उक्त बातें झारखंड हाइकोर्ट की अधिवक्ता भारती वी काैशल ने कही. वह शनिवार को प्रभात खबर की ऑनलाइन लीगल काउंसेलिंग में पाठकों के सवालों पर कानूनी सलाह दे रही थीं. उन्होंने कहा कि अगर परिवार को टूटने से नहीं बचाया जा सकता है, तो वैसी स्थिति में तलाक कानून को सरल बनाया जाना चाहिए.

बिहार के बांका निवासी आरपी सिंह का सवाल :

मैं एचइसी में नाैकरी करता था. महिलाैंग में पांच डिसमिल जमीन खरीदी थी. बाद में हमने जमीन अपने पुत्र को गिफ्ट डीड कर दिया. अब दाखिल-खारिज नहीं किया जा रहा है. काफी परेशान हैं. क्या करें?

अधिवक्ता की सलाह :

जमीन की रजिस्ट्री के बाद उसका दाखिल-खारिज कराया जाना चाहिए. इसके लिए सक्षम अधिकारी अंचलाधिकारी होते हैं. उनके कार्यालय में आवेदन दाखिल करें. यदि दाखिल-खारिज नहीं किया जाता है, तो उसकी लिखित शिकायत उपायुक्त, एलआरडीसी से करनी चाहिए.

खलारी से सुरेश चौधरी का सवाल :

मां की मौत एक दुर्घटना में हो गयी थी. हिट एंड रन का केस हुआ था. दो साल से वह कभी थाना, तो कभी आइओ के पास चक्कर लगा रहे हैं. सूचनाधिकार का भी उपयोग किया, लेकिन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही है. वह क्या करें?

अधिवक्ता की सलाह :

आपका केस आगे नहीं बढ़ रहा है, तो इसके लिए हाइकोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दाखिल किया जा सकता है. मुआवजा के लिए अलग से संबंधित ट्रिब्यूनल में आपको दावा करना चाहिए.

रांची के कृष्ण कुमार विश्वकर्मा का सवाल :

गलत तरीके से मेरे पिताजी की पेंशन का भुगतान लिया जा रहा है. संबंधित अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है. सिर्फ आश्वासन दिया जाता है. क्या करें?

अधिवक्ता की सलाह :

पेंशन का गलत तरीके से भुगतान लिया जा रहा है, तो इसकी शिकायत आप संबंधित विभाग, महालेखाकार व बैंक से कर सकते हैं. समाधान नहीं होता है, तो आप हाइकोर्ट में केस दायर कर सकते हैं.

नामकुम की कविता का सवाल :

मैं स्कूल शिक्षक से सेवानिवृत्त हो चुकी हूं. मेरे पति भी इंजीनियर थे. मेरे दो पुत्र थे, जो नहीं मिल रहे हैं. पति ने दो नकली पुत्र को सामने ला दिया है. थाना में शिकायत देती हूंं, तो केस दर्ज नहीं किया जाता है.

अधिवक्ता की सलाह :

आपके पास जो सबूत व दस्तावेज हैं, उसके आधार पर आप सिविल कोर्ट में शिकायतवाद दायर कर सकती हैं. जिन्हें आप नकली पुत्र बता रही हैं, उनका डीएनए टेस्ट कराने की मांग भी कर सकती हैं.

इन्होंने भी पूछे सवाल :

प्रभात खबर की ऑनलाइन काउंसेलिंग में समय बीतने के बाद भी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से फोन आते रहे. अधिवक्ता भारती वी काैशल ने लोगों को संतुष्ट करने का प्रयास किया. वह लोगों को अनावश्यक मुकदमे से बचने की सलाह देती रहीं. लोगों ने जमीन, पारिवारिक व आपराधिक मामलों से संबंधित सवाल पूछे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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