RIMS Ranchi : राजधानी रांची के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में अब मांसपेशियों की अनुवांशिक और दुर्लभ बीमारी की जांच होगी. रिम्स में अब डीएमडी (ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रोफी) और स्पाइन मस्कुलर अट्रोफी (एमएमए) की जांच शुरू हो गयी है. पहले इन दोनों की जांच के लिए सैंपल महानगरों के लैब में भेजा जाता था. डीएमडी और एमएमए के जांच के लिए 1500 रुपए फीस ली जायेगी.
रिम्स शासी परिषद की बैठक में तय हुई राशि
रिम्स शासी परिषद की बैठक में डीएमडी और एमएमए की जांच के लिए राशि निर्धारित की गयी है. डीएमडी और एमएमए दोनों जांच की दर 1,500-1,500 रुपए तय हुई है. इसके अलावा होल डीएमडी जांच की दर 3,000 रुपए तय किया गया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य मंत्री ने जीबी के एजेंडा पर अब तक हस्ताक्षर नहीं किया है, जिस कारण फिलहाल रिम्स में यह जांच मुफ्त में ही हो रही है.
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क्या है एमएमए और डीएमडी ?
एमएमए (स्पाइन मस्कुलर अट्रोफी) एक एक दुर्लभ और गंभीर अनुवांशिक बीमारी है. इसकी जांच में मांसपेशियों की कमजोरी और न्यूरो मस्कुलर की समस्या की वजह का पता लगाया जा सकता है. इसके अलावा डीएमडी (ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रोफी) भी एक अनुवांशिक बीमारी है. इसमें डिस्ट्रोफिन जीन में होने वाले परिवर्तन की पहचान की जाती है.
दोनों जांचों का हुआ था ट्रायल टेस्ट
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रिम्स के जेनेटिक विभाग में इन दोनों जांच का पहले ट्रायल टेस्ट किया गया था. इस ट्रायल टेस्ट में डीएमडी के 25 सैंपल और एमएमए के 8 सैंपलों की जांच की गयी थी. इस जांच में डीएमडी से पीड़ित कुछ मरीजों की भी पुष्टि हुई थी. डीएमडी की पुष्टि होने के बाद मरीजों का इलाज किया जा रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार ये दोनों बीमारी मांसपेशियों से संबंधित है, जो ज्यादातर बच्चों में होती है. समय पर इसका इलाज शुरू नहीं होने पर बच्चे किशोरावस्था में पहुंचने तक व्हीलचेयर पर आ जाते हैं.
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