रांची. दुमका के तत्कालीन बंदोबस्त पदाधिकारी सुनील कुमार को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है. हाइकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चाैधरी की अदालत ने क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई के बाद उनके खिलाफ दुमका सदर थाना में एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि प्रार्थी के खिलाफ दर्ज मामला संज्ञेय अपराध नहीं है. इस कारण प्राथमिकी को निरस्त किया जाता है. इससे पहले प्रार्थी की ओर से बताया गया कि जिस एक्ट में प्राथमिकी दर्ज की गयी है, उस एक्ट में प्रार्थी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सुनील कुमार ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर कर दुमका सदर थाना में एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी-7/2023 को चुनाैती दी थी. उन्होंने प्राथमिकी में लगाये गये आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए निरस्त करने की मांग की थी. सुनील कुमार पर एक आदिवासी महिला ने 19 अक्तूबर 2023 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें प्रार्थी पर आदिवासी कहने का आरोप लगाया गया था.
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