रांची.
झारखंड रियल इस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण (अपीलेट ट्रिब्यूनल) ने आहा प्लानर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर अपील पर फैसला सुनाया. इसमें झारखंड रियल इस्टेट नियामक प्राधिकरण (झारेरा) द्वारा 17 अक्टूबर 2023 को पारित आदेश को रद्द कर दिया है. साथ ही झारखंड रियल इस्टेट नियामक प्राधिकरण (झारेरा) को फिर से सुनवाई करने का निर्देश दिया है. ज्ञात हो कि भू-स्वामी एजाज हैदरी, सुलेमान हैदरी, सलमान हैदरी, मंजूर सोफिया, अहमद नुमान और अहमद फैजान ने आहा प्लानर्स के साथ 17 नंबर 2018 को डेवलपमेंट एग्रीमेंट किया था. इसके तहत एक बहुमंजिली इमारत का निर्माण किया जाना था. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बिल्डर ने न तो स्वीकृत नक्शे की प्रति उन्हें सौंपी और न ही झारखंड रियल इस्टेट नियामक प्राधिकरण (झारेरा) पंजीकरण के कागजात उपलब्ध कराये. तयशुदा किराया भी नहीं दिया. वहीं, बिल्डर ने झारखंड रियल इस्टेट नियामक प्राधिकरण (झारेरा) में यह तर्क दिया था कि यह विवाद एक सामान्य सिविल कोर्ट द्वारा सुना जाना चाहिए. क्योंकि, शिकायतकर्ता डेवलपर के को-प्रमोटर हैं, न कि एलोटी. अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति और न्यायिक सदस्य मनोरंजन कवि ने कहा कि निचली अदालत ने मामले की सुनवाई की योग्यता (मेंटेनेबिलिटी) के विषय को जल्दबाजी में निपटाया. जबकि, यह तथ्य और कानून दोनों से जुड़ा हुआ प्रश्न है. ऐसे में फिर से सुनवाई करे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है