रांची. इडी ने दारोगा मीरा सिंह (रांची जिला बल) के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है. उसने मीरा सिंह के खिलाफ मिले तथ्यों को भी पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत राज्य सरकार और आयकर विभाग से साझा किया है. इसमें राज्य सरकार से आय से अधिक संपत्ति का केस कर कार्रवाई करने और आयकर विभाग को मामले की जांच कर आयकर अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है.
पद का दुरुपयोग कर नाजायज तरीके से पैसे कमाये
इडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि छापेमारी में मीरा सिंह और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों से नाजायज तरीके से पैसा कमाने और संपत्ति अर्जित करने के सबूत मिले हैं. मीरा ने पद का दुरुपयोग कर नाजायज तरीके से पैसे कमाये. वहीं अपनी नाजायज कमाई को सही बताने के लिए कई हथकंडों का सहारा लिया. उन्होंने बिना सूद व गारंटी के लोगों से कर्ज लेने का दावा किया. पति प्रीतम कुमार को सब्जी का थोक व्यापारी बताया. वहीं मीरा ने लाल मोहित नाथ शाहदेव से बिना सूद के 2.30 लाख रुपये कर्ज लेने की बात कही, लेकिन जांच में यह बात गलत साबित हुई.
पैसों के लेन-देन से संबंधित व्हाट्सएप चैट मिले
मीरा सिंह के ठिकानों से बरामद नौ मोबाइल में पैसों के लेन-देन से संबंधित व्हाट्सएप चैट मिले. इसमें अंशु कुमारी संजीव नामक व्यक्ति को सांकेतिक मैसेज भेजे गये थे. लेकिन यह जानकारी मीरा ने जांच एजेंसी को पूछताछ में नहीं दी. लाल मोहित नाथ शाहदेव के घर से 12 लाख रुपये नकद जब्त हुए थे. वहीं शाहदेव ने एजेंसी की पूछताछ में स्वीकारा था कि उनके घर से मिले 12 लाख रुपये में से सात लाख मीरा सिंह के थे. दूसरी ओर जांच में यह बात सामने आयी थी कि मीरा सिंह ने लालपुर में एक जमीन की खरीदारी के लिए मोहितनाथ शाहदेव को 12 लाख रुपये दिये थे.
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