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रांची मेन रोड हिंसा मामले में पुलिस 8 हजार से अधिक उपद्रवियों को पहचानने में फेल, केवल नामजद लोगों पर कार्रवाई

पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार अभी तक केस में जिन लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था, सिर्फ उन्हीं लोगों के खिलाफ अनुसंधान के बाद कार्रवाई की गयी है. उपद्रवियों की पहचान के लिए पुलिस ने तत्कालीन राज्यपाल के निर्देश पर उपद्रवियों का पोस्टर लगाने की कार्रवाई शुरू की थी.

रांची के मेन रोड में 10 जून 2022 को हुई हिंसा के मामले में पुलिस आठ हजार से अधिक उपद्रवियों को पहचानने में विफल रही है. उपद्रव के दौरान फायरिंग, तोड़- फोड़, सरकारी काम में बाधा सहित अन्य आरोप में 15 मामले दर्ज किये गये थे. केस के अनुसंधान के बाद पुलिस अब अपनी रिपोर्ट में लिख रही है कि दंगाइयों की पहचान के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी तक पता नहीं चला है. सीसीटीवी फुटेज से भी आरोपियों की पहचान नहीं हुई.

पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार अभी तक केस में जिन लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था, सिर्फ उन्हीं लोगों के खिलाफ अनुसंधान के बाद कार्रवाई की गयी है. उल्लेखनीय है कि घटना के बाद उपद्रवियों की पहचान के लिए पुलिस ने तत्कालीन राज्यपाल के निर्देश पर उपद्रवियों का पोस्टर लगाने की कार्रवाई शुरू की थी. लेकिन घंटे भर में पोस्टर हटा लिये गये थे. मेन रोड में हुई हिंसा की घटना के बाद मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कमेटी का गठन किया था. अनुसंधान के इतने माह बीत जाने के बाद भी इसमें कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है.

घटना को लेकर दर्ज 15 केस में अनुसंधान की स्थिति

16/22 : नामजद सहित आठ से 10 हजार पर धार्मिक विद्वेष फैलाना – पांच पर चार्जशीट लेकिन अज्ञात का पता नहीं

17/22 : सरकारी काम में बाधा डालना और धार्मिक उपद्रव – केस सीआइडी को ट्रांसफर, 11 पर चार्जशीट

19/22 : धार्मिक स्थल में तोड़फोड़, आगजनी और फायरिंग – आरोपियों को केस में रिमांड किया गया

20/22 : तोड़फोड़ एवं चोरी करना – गुप्तचर तैनात कर आरोपी की पहचान का प्रयास

21/22 : उपद्रव के दौरान तोड़फोड़ – गुप्तचर तैनात कर आरोपी की पहचान का किया जा रहा है प्रयास

22/22 : मारपीट और तोड़फोड़ करना – गुप्तचर तैनात किया गया लेकिन आरोपियों का पता नहीं चला.

23/22 : घर में घुसकर तोड़फोड़ करना – न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट समर्पित

24/22 : हत्या की मंशा से गोली चलाना – गुप्तचरों से आरोपियों के बारे में पता नहीं चला

25/22 : नाजायज मजमा बनाकर तोड़फोड़ करना – गुप्तचरों से आरोपियों के बारे में पता नहीं चला.

26/22 : षडयंत्र के तहत तोड़फोड़ और गाली गलौज – गुप्तचर तैनात कर आरोपियों को पहचानने का प्रयास जारी है. जांच चल रही है.

27/22 : नाजायज मजमा बनाकर तोड़फोड़ करना – सीसीटीवी देखकर उपद्रवियों को पहचानने का प्रयास जारी है

29/22 : तोड़फोड़ के साथ ही गाली गलौज – गुप्तचर तैनात कर पता लगाने का प्रयास जारी है

30/22 : नाजायज मजमा बनाकर तोड़फोड़ और गाली गलौज – गुप्तचर तैनात कर पता लगाने का प्रयास जारी है

31/22 : जानलेवा हमला करना – सीसीटीवी फुटेज से उपद्रवियों को पहचानने का प्रयास हो रहा है

33/22 : धार्मिक विद्वेष फैलाने के लिए मारपीट और फायरिंग करना – आरोपियों के बारे में पता नहीं चल रहा है

Sameer Oraon
Sameer Oraon
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है.

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