प्रतिनिधि, सिल्ली.
प्रखंड के रामपुर गांव स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्वास्थ्य उप केंद्र इन दिनों खुद बीमार हो चुका है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और रखरखाव की उपेक्षा के कारण भवन कबाड़ में तब्दील होता जा रहा है. जर्जर भवन के कारण पदस्थापित स्वास्थ्यकर्मी काम करना पसंद नहीं करते हैं. उपकेंद्र भवन की दीवारों से प्लास्टर और ईटें जगह-जगह से टूटकर गिर रही हैं. छतें जर्जर हो चुकी हैं और खिड़कियां-दरवाजे उखड़ते जा रहे हैं. आनेवाले मरीजों को इलाज के बजाय जान का खतरा बना रहता है. स्वास्थ्य उपकेंद्र रामपुर में एक सीएचओ, एक एएनएम और एमपीडब्ल्यू पदस्थापित हैं.दो वर्ष पहले हुई थी भवन की मरम्मत :
स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ वर्ष पहले उक्त भवन की मरम्मत पर लाखों रुपये खर्च किये गये थे. संवेदक ने गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा और भारी अनियमितता बरती गयी. जिस कारण फिर से भवन जर्जर हो गया है.स्वास्थ्य कर्मियों ने कई बार भेजा है पत्र :
उप केंद्र में पदस्थापित एनएम गायत्री कुमारी ने बताया कि भवन की खराब स्थिति की जानकारी उच्च अधिकारियों को कई बार पत्राचार के माध्यम से दी गयी है. बावजूद अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में मरीजों की सेवा करना मुश्किल हो रहा है.भवन की मरम्मत व सेवा बहाली की मांग :
रामपुर और आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से भवन की तत्काल मरम्मत कर नियमित स्वास्थ्य सेवाएं बहाल कराने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर कदम नहीं उठाया गया, तो किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है.क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी :
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्रियंका सिन्हा ने कहा कि रामपुर आयुष्मान आरोग्य मंदिर के क्षतिग्रस्त भवन को लेकर बहुत पहले विभाग को सूचना दी गयी है. प्रखंड के अन्य स्वास्थ्य उपकेंद्रों में भी विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. इन सभी की सूची बनाकर भी जिला के पदाधिकारी को सौंपा जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है