रांची.
बहावलपुरी पंजाबी समाज पहली बार सांझी लोहड़ी की तर्ज पर सांझी अगजा उत्सव मनाने जा रहा है. सांझी अगजा 13 मार्च को जलायी जायेगी. इसका उद्देश्य समाज में एकता और परंपरा को पुनर्जीवित करना है. सांझी संस्कृति को आगे बढ़ाना और नयी पीढ़ी को इसकी ऐतिहासिक परंपरा से जोड़ना है. यह निर्णय सोमवार को हुई बैठक में लिया गया. इसकी अध्यक्षता लक्ष्मण दास मिढ़ा ने की. बताया गया कि 13 मार्च को कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा मंदिर चौक में पंजाबी परंपरा के अनुसार अगजा जलायी जायेगी. संस्था के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि पंजाबी परिवार के लोग काफी लंबे अरसे से अगजा की रात घरों में आटा और गुड़ का मन्न (मोटी रोटी) बनाते हैं. मोटी रोटी पर प्रहलाद रूपी धागा बांधकर गोबर के गोइठा में पकाया जाता है. उसके चारों ओर परिक्रमा कर बड़ों का आशीर्वाद लेते हैं. खास बात है कि मोटी रोटी पूरी तरह पक जाती है, लेकिन प्रहलाद रूपी धागा नहीं जलता. आनेवाली पीढ़ी को भी इस परंपरा की जानकारी रहे, इसीलिए सांझी अगजा उत्सव मनाया जा रहा है.14 मार्च को रंग बरसाने निकल जायेगी होली की टोली
बहावलपुरी पंजाबी समाज एवं बहावलपुरी पंजाबी समाज महिला समिति की टोली 14 मार्च को गुरुद्वारा मंदिर चौक से रंग का उल्लास मनाने निकल पड़ेगी. रंग-गुलाल और गाजे-बाजे के साथ सभी सदस्य कृष्णा नगर कॉलोनी की गलियों का भ्रमण करेंगे व नवजात शिशुओं व नव विवाहित जोड़ों के घर जाकर उन्हें होलियाना अंदाज में बधाई देंगे. वहीं 16 मार्च को कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित दयालबाग में रात आठ बजे से होली मिलन समारोह शुरू होगा. बैठक का संचालन संस्था के सचिव मुकेश बजाज ने किया. धन्यवाद ज्ञापन रंजीत सिंह बॉबी ने किया. बैठक में डॉ सतीश मिढ़ा, लक्ष्मण दास मिढ़ा, मुकेश बजाज,वेद प्रकाश मिढ़ा,ललित किंगर,नरेश पपनेजा,अश्विनी सुखीजा,रणजीत सिंह बॉबी,मोहन खीरबाट,कामराज खत्री व जितेंद्र मुंजाल उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है